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पिथौरागढ़ नगर के साथ ही खुद को भी कोरोना से सुरक्षित रख्रे हैं पर्यावरण मित्र

पिथौरागढ़ नगर के साथ पर्यावरण मित्र खुद को भी कोरोना से सुरक्षित रखे हुए है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 May 2021 10:59 PM (IST)Updated: Thu, 13 May 2021 10:59 PM (IST)
पिथौरागढ़ नगर के साथ ही खुद को भी कोरोना से सुरक्षित रख्रे हैं पर्यावरण मित्र
पिथौरागढ़ नगर के साथ ही खुद को भी कोरोना से सुरक्षित रख्रे हैं पर्यावरण मित्र

संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: कोरोना के बढ़ते मामलों में जहां जिले के अधिकांश गांव अभी तक पूरी तरह सुरक्षित हैं वहीं नगर के अंदर भी कई क्षेत्र हैं जहां लोगों की सूझबूझ से संक्रमण नहीं पहुंचा है। यह बेहद महत्वपूर्ण है कि पूरे नगर को संक्रमण से बचाने का दायित्व संभालने के लिए दिन रात काम कर रहे पर्यावरण मित्रों ने अपनी बस्ती को भी अब तक पूरी तरह सुरक्षित रखा है।

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नगर के मध्य में बेहद घनी वाल्मीकि बस्ती में 50 से अधिक परिवार रहते हैं। बस्ती में हर आय वर्ग के लोग शामिल हैं। बस्ती के अधिकांश बाशिंदे नगर पालिका में कार्यरत हैं। नगर की साफ-सफाई के साथ ही इन दिनों पूरे नगर को सैनिटाइज करने का दायित्व इनके कंधों पर है। इनमें कई लोग हैं जो अस्पतालों में भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। बेहद जोखिम भरे क्षेत्रों में काम करने के बावजूद पर्यावरण मित्रों ने अपने परिवेश को पूरी तरह सुरक्षित रखा हुआ है। पहली लहर के दौरान ही बस्ती के लिए नियम-कायदे तय कर दिए गए थे। काम के बाद घर वापस लौटने से पूर्व सभी के लिए खुद को सैनिटाइज करना अनिवार्य है। जिन कपड़ों में वे दिन भर काम करते हैं उन्हें सीधे घर के भीतर नहीं ले जाते हैं, कपड़ों को घर से बाहर खोलना और धोकर ही घर में प्रवेश कर रहे हैं। बस्ती में शारीरिक दूरी के मानकों के पालन के साथ ही सभी लोग मास्क का उपयोग कर रहे हैं। फ्रंटलाइन वर्कर की श्रेणी में होने के चलते अधिकांश ने अपना टीकाकरण करा लिया है। घरों में रहने वाले 18 वर्ष से अधिक के युवा भी अपना टीकाकरण करवा रहे हैं। ========= बस्ती के लोगों ने कोविड गाइडलाइन का सख्ती से पालन किया है। पहली लहर के दौरान ही सभी लोगों ने तय कर लिया था कि वे नियमित मास्क पहनने के साथ ही शारीरिक दूरी के मानकों का पालन करेंगे।

- विकास कुमार, सफाई निरीक्षक

============= पर्यावरण मित्र जोखिम भरे क्षेत्रों में काम करते हैं, इसलिए संक्रमण की आशंका थी, इस खतरे का अंदाज पहली लहर के दौरान ही लगा लिया था। इसे देखते हुए नियम तय कर लिए गए थे, जिसका पालन प्रत्येक परिवार कर रहा है। पहली लहर के दौरान भी पर्यावरण मित्रों में संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया।

- हरिनंदन वाल्मीकि, नगर पालिका कर्मी


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