कोविड काल में पेयजल को तरसे बेरीनाग के लोग
बेरीनाग नगर पंचायत क्षेत्र में पेयजल संकट गहरा गया है।
संवाद सूत्र, बेरीनाग : बेरीनाग नगर पंचायत क्षेत्र में पेयजल संकट गहरा गया है। नगर पंचायत के कई वार्डों में सप्ताह में एक भी दिन नलों में पानी नहीं आ रहा है। वार्डों में जलसंस्थान द्वारा टैंकरों से पानी का वितरण किया जा रहा है, मगर पेयजल किल्लत के चलते लोग शारीरिक दूरी का पालन नहीं कर रहे हैं। पानी को लेकर लोगों की लंबी कतार लग रही है।
जलसंस्थान द्वारा नगर पंचायत के बना वार्ड में टैंकरों से पानी का वितरण किया गया। टैंकर के पहुंचते ही लोगों की भारी भीड़ जुट गई। वार्ड की सभासद नीमा देवी ने बताया कि जलनिगम द्वारा नगर के सभी वार्डों में स्टैंड पोस्ट लगाए गए हैं, मगर बना वार्ड में स्टैंड पोस्ट शोपीस बने हुए हैं। नलों से पानी की एक बूंद नहीं टपक रही है। कई बार शिकायत के बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि नगर पंचायत में टैंकर मंगाकर पानी का वितरण किया जा रहा है, लेकिन लोगों को आपूर्ति के सापेक्ष पानी नहीं मिल पा रहा है। वहीं, सड़क से वंचित क्षेत्रों में अन्य कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने से लोगों को भीषण पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यदि शीघ्र वार्ड में पेयजल आपूर्ति बहाल नहीं की गई तो वार्डवासी आंदोलन करने को बाध्य होंगे। =========== विगत चार दिनों से गोरघटिया पंपिंग योजना में विद्युत नहीं होने से आपूर्ति बाधित चल रही है। विद्युत आपूर्ति होने पर पेयजल आपूर्ति बहाल हो जाएगी।
- महेश रौतेला, अवर अभियंता, जलसंस्थान। ========= पांच हजार की आबादी बूंद-बूंद पानी को तरसी
मदकोट: मदकोट कस्बे को पेयजल की आपूर्ति करने वाले दोनों स्रोत सूख गए हैं। पांच हजार की आबादी वाला कस्बा वर्तमान में बूंद- बूंद पानी के लिए तरस रहा है। मजबूरी में लोग गोरी गंगा से पानी ढोने को मजबूर है।
मदकोट कस्बे के लिए वैगा और गोलमा गांव से पेयजल योजना बनाई गई है। क्षेत्र में गर्मी बढ़ने के साथ ही दोनों पेयजल स्रोत सूख गए है। स्रोत में पानी नहीं होने से पेयजल आपूर्ति ठप हो गई है। गांधी नगर स्रोत से पानी की नाममात्र की आपूर्ति हो रही है और इस योजना का लाभ कस्बे के महत्वपूर्ण लोगों को ही मिल रहा है। पानी की आपूर्ति ठप होने से लोग परेशान हैं। लोगों को 500 मीटर नीचे बहने वाली गोरी गंगा से पानी ढोना पड़ रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता लक्ष्मण सिंह ने कहा है कि सरकार एक ओर हर घर में नल पहुंचाने की योजना चला रही है, लेकिन योजनाओं में पानी ही नहीं है तो इस योजना का क्या लाभ। उन्होंने कहा है कि मदकोट कस्बे की पांच हजार की आबादी पेयजल को लेकर त्रस्त है। शिकायत के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। लोगों की दिनचर्या का बड़ा हिस्सा पेयजल के इंतजाम में ही निकल जा रहा है। उन्होंने कहा है कि शीघ्र पेयजल समस्या का समाधान नहीं हुआ तो कस्बे के लोग सड़कों पर उतरने को बाध्य होंगे।