आपदा क्षेत्रों के सड़क को बजट नहीं, बच्चों संग दिया धरना
संवाद सूत्र, मुनस्यारी: दो माह चौदह दिन पूर्व बादल फटने से तबाह हुई मुनस्यारी चौना- इमला सड़क मौत
संवाद सूत्र, मुनस्यारी: दो माह चौदह दिन पूर्व बादल फटने से तबाह हुई मुनस्यारी चौना- इमला सड़क मौत का कुंआ बन चुकी है। सड़कें सिर्फ कागजों पर ही सिमट गर्ई है। आलम यह कि क्षेत्र की अधिकांश सड़कें मलबे से भरी पड़ी है लेकिन विभाग का कहना है सड़क सुधारने के लिए उनके पास शासन की और से कोई बजट नहीं उपलब्ध है।
नंदाष्टमी मनाने अपने गांव जा रहे बच्चों और उनके परिजनों ने शासन, प्रशासन का ध्यान सड़क की तरफ आकर्षित करने के लिए बीच सड़क में पत्थरों पर बैठकर धरना दिया। दो जुलाई को बादल फटने से मुनस्यारी क्षेत्र में तबाही मची थी। इस तबाही का शिकार मुनस्यारी- चौना- इमला आठ किमी सड़क भी बनी। इन गांवों के बाजार और विद्यालय भी मुनस्यारी में हैं। प्राथमिक तक तो बच्चे अपने गांवों में पढ़ते हैं परंतु उसके बाद मुनस्यारी जाना पड़ता है। कुछ दिनों तक बच्चे जान हथेली में लेकर विद्यालय जाते रहे। बाद में अभिभावकों ने मुनस्यारी में ही किराए के कमरे लेकर बच्चों के साथ रह कर पढ़ा रहे हैं। इधर अब नंदाष्टमी का पर्व आ चुका है। इस क्षेत्र में नंदाष्टमी धूमधाम के साथ मनाई जाती है। अमूमन अधिकांश लोग नंदाष्टमी मनाने अपने गांव आते हैं।
इसी क्रम में जब छोटे -छोटे बच्चों के साथ अभिभावक नंदाष्टमी मनाने अपने गांव चौना और इमला आने लगे तो दो माह पूर्व बदहाल हुई सड़क की दशा जस की तस थी। आलम यह रहा कि छोटे बच्चे चार किमी जैसे तैसे चले इससे आगे पैदल चल पाना उनके वश से बाहर हो गया। बच्चों की हालत देखते हुए साथ में आए अभिभावक बेचैन हो गए। बच्चों की दशा देखते हुए अभिभावकों ने शासन, प्रशासन और विभाग का ध्यान आकर्षित करने के लिए सड़क में ही पत्थरों में बैठकर धरना दिया।
मुनस्यारी से चले घंटों बीतने के बाद भी जब बच्चे और उनके साथ के अभिभावक घर नहीं पहुंचे तो घर पर उनके परिजन परेशान हो गए। उनके बारे में जानकारी जुटाने लगे । इसी बीच धरने पर बैठे लोगों ने अपने परिवारजनों को बताया कि मोटर रोड में पैदल चलना मुश्किल हो चुका है। बच्चे अब चल नहीं पा रहे हैं जिसे देखते हुए वे बीच सड़क पर धरने पर बैठे हैं। यह सूचना मिलते ही लोगों में आक्रोश फैल गया। समाज सेवी हीरा सिंह चिराल ने इस संबंध में प्रशासन और लोनिवि के अधिकारियों से बात की । लोनिवि अधिकारियों द्वारा अभी तक आपदा से क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत के लिए दैवीय आपदा मद से बजट नहीं मिलने की बात बताई । लगभग पांच घंटे धरने पर बैठे बच्चों और उनके साथ के अभिभावकों को बाद में ग्रामीणों ने पहुंच कर उठाया। इस घटना को लेकर आक्रोश बना हुआ है।