जिले की मांग को लेकर मंगलवार को बंद रहेगा डीडीहाट
डीडीहाट जिले को अस्तित्व में लाने के लिए समूचा डीडीहाट एकजुट हो चुका है।
संवाद सूत्र, डीडीहाट: डीडीहाट जिले को अस्तित्व में लाने के लिए समूचा डीडीहाट एकजुट हो चुका है। विगत ढाई सप्ताह से चल रहे आमरण अनशन को मातृशक्ति, बुजुर्गाें, युवाओं, व्यापारियों, ग्रामीणों सभी का पूर्ण समर्थन मिल रहा है। जिले की मांग को लेकर मंगलवार को पूरा डीडीहाट बाजार बंद रहेगा। इस दौरान जिला बनाओ संघर्ष समिति का एक शिष्टमंडल अपने गृह क्षेत्र डीडीहाट के हड़खोला पहुंच रहे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर उनके सामने डीडीहाट जिले की मांग रखेगा।
स्थानीय रामलीला मैदान में चल रहे आमरण अनशन के 17वें दिन पूर्व सैनिक कमलेश सिंह व पंकज बोरा ने दूसरे दिन भी अपना आमरण अनशन जारी रखा। अनशनकारियों के समर्थन में कई लोगों ने धरना दिया और अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर जमकर नारेबाजी भी की। इस दौरान व्यापार संघ अध्यक्ष मनोज शाह के नेतृत्व में स्थानीय व्यापारियों ने भी धरने में पहुंचकर आंदोलन को समर्थन दिया। आंदोलन स्थल में हुई बैठक में व्यापारियों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के 19 अक्टूबर मंगलवार को अपने गृह क्षेत्र हड़कोला पहुंचने पर डीडीहाट बाजार को बंद रखने का निर्णय लिया। बैठक में तय किया गया कि जिला बनाओ संघर्ष समिति का एक शिष्टमंडल शांतिपूर्वक हड़खोला पहुंचकर सीएम से मुलाकात करेगा और उनके सम्मुख डीडीहाट जिले की मांग रखेगा। इस मौके पर व्यापार संघ उपाध्यक्ष बलवंत सिंह बिष्ट, गोविंद कफलिया आदि मौजूद रहे। ===== चार माह बाद भी नहीं खुला मदकोट-बोना मोटर मार्ग
पिथौरागढ़: जुलाई माह में भारी बारिश के चलते बंद हुआ मदकोट- बोना मोटर मार्ग अब तक नहीं खुल पाया है। मार्ग बंद होने से ग्रामीण मरीजों को डोली में लादकर अस्पताल पहुंचा रहे हैं। अगले कुछ दिनों में आलू और राजमा की फसल तैयार हो जाएगी। ग्रामीणों के लिए इसे बाजार तक पहुंचाना बड़ी चुनौती होगी।
मदकोट- बोना मोटर मार्ग जुलाई माह में बारिश के चलते जगह-जगह मलबा आ जाने से बंद पड़ा हुआ है। मार्ग कई जगह पर क्षतिग्रस्त पड़ा है। ग्रामीण पिछले चार माह से मार्ग खोले जाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई है। मजबूर ग्रामीण गांव में बीमार पड़ रहे लोगों को डोली में लादकर खतरनाक पैदल रास्तों से अस्पताल पहुंचा रहे हैं। बोना गांव जिले में आलू और राजमा उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी है। गांव की शतप्रतिशत आबादी इन्हीं दो उत्पादों से अपनी वर्ष भर की आजीविका चलाती है। गांव को जोड़ने वाली सड़क से ही उत्पाद बाजार तक पहुंचता है। जल्द सड़क नहीं खुली तो ग्रामीणों के छह माह की मेहनत बर्बाद होने की पूरी संभावना है। सामाजिक कार्यकर्ता लक्ष्मण सिंह ने प्रशासन से अविलंब सड़क खुलावाए जाने की गुहार लगाई है। ग्रामीणों ने कहा है कि जल्द सड़क नहीं खुलती तो उनके पास आंदोलन के सिवाए कोई दूसरा विकल्प नहीं होगा।