तेंदुए के आतंक से प्रभावित सात गांवों के ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
पिथौरागढ़ के जिला मुख्यालय के आसपास के गांवों को गुलदार के आतंक से निजात दिलाने में नाकाम साबित हो रहे जिला प्रशासन व वन विभाग की कार्यप्रणाली से नाखुश ग्रामीण क्षेत्र की जनता का गुस्सा सोमवार को सड़कों पर फूट पड़ा।
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़ : जिला मुख्यालय के आसपास के गांवों को गुलदार के आतंक से निजात दिलाने में नाकाम साबित हो रहे जिला प्रशासन व वन विभाग की कार्यप्रणाली से नाखुश ग्रामीण क्षेत्र की जनता का गुस्सा सोमवार को सड़कों पर फूट पड़ा। गुलदार के आतंक से प्रभावित सात गांवों के ग्रामीणों ने जुलूस निकालकर वन विभाग व प्रशासन के खिलाफ आक्रोश प्रकट किया। ग्रामीणों ने शीघ्र गुलदार को आदमखोर घोषित न करने पर उग्र आंदोलन की धमकी दी है।
सोमवार को नगर के जीआइसी तिराहे पर मुख्यालय से सटे ग्राम पंचायत हुड़ेती, पौंण, बड़ोली, पपदेव, टकाड़ी, दाड़िमखोला, गणकोट के की महिलाएं, युवा, बुजुर्ग एकत्र हुए। यहां से जुलूस की शक्ल में ग्रामीण वन विभाग व जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पांडेगांव, अप्टेक तिराहा, गुप्ता तिराहा, टकाना से होकर कलक्ट्रेट पहुंचे। इस दौरान पूर्व विधायक मयूख महर के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ता भी ग्रामीणों के आंदोलन को समर्थन करते हुए जुलूस में शामिल हुए। इसके बाद ग्रामीण जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में धरने पर बैठ गए।
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन व वन विभाग के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने कहा वन विभाग ग्रामीणों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहा है। आए दिन क्षेत्र में गुलदार के हमले की घटनाएं सामने आ रही हैं। बावजूद इसके जिम्मेदार विभाग अभी तक लापरवाह बना हुआ है।
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पूर्व विधायक आज से डीएफओ कार्यालय में देंगे धरना
ग्रामीण क्षेत्र की जनता को गुलदार के आतंक से निजात दिलाने, मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग को लेकर कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व विधायक मयूख महर के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ता मंगलवार से प्रभागीय वनाधिकारी कार्यालय में क्रमिक अनशन में बैठेंगे। कार्यकर्ताओं ने इस संबंध में सोमवार को उपजिलाधिकारी तुषार सैनी को ज्ञापन सौंपा।
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जुलूस प्रदर्शन में ये रहे शामिल
ग्राम प्रधान हुड़ेती कल्पना उप्रेती, प्रधान बड़ोली त्रिलोचन भट्ट, प्रधान गणकोट नीरज कुमार, ग्राम प्रधान प्रतिनिधि पौंण महिपाल वल्दिया, राजेश प्रसाद बब्लू, रजत उप्रेती, कांग्रेस जिलाध्यक्ष त्रिलोक महर, यूथ कांग्रेस जिलाध्यक्ष ऋषेंद्र महर, गज्जी वल्दिया, गजेंद्र वल्दिया, राजेश उप्रेती, राजेंद्र उप्रेती, गणेश उप्रेती, रमेश, कमल, भुवन, मंटू, उमेश, नितिन, अजय, सचिन आदि शामिल थे।
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पौंण गांव में गुलदार ने पूर्व प्रधान पर किया हमला
पिथौरागढ़ : जिला मुख्यालय से सटे पौंण गांव में बीती रात्रि गुलदार ने एकबार फिर एक व्यक्ति पर हमला करने का प्रयास किया। रविवार रात्रि भूतपूर्व प्रधान 45 वर्षीय गजेंद्र वल्दिया अपने घर के आंगन से कमरे को जा रहे थे। इस दौरान घात लगाकर बैठे गुलदार ने गजेंद्र पर पीछे से हमला कर दिया। गजेंद्र ने जैकेट पहनी होने के कारण गुलदार उसकी गर्दन पर अपना पंजा नहीं गड़ा सका। गजेंद्र की चीख चुनकर परिजन व आसपड़ोस के लोग बाहर निकले। हो-हल्ला मचाने पर गुलदार वहां से भाग गया।
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क्या कहते हैं ग्रामीण----
फोटो फाइल: 19 पीटीएच 08
वन विभाग अपनी जिम्मेदारी से भाग रहा है। लगातार लोगों पर हमला कर रहे गुलदार को अभी तक आदमखोर घोषित नहीं किया गया है। यदि विभाग गुलदार को नहीं मार सकता तो, ग्रामीण खुद ही गुलदार को मार गिराने को बाध्य होंगे। इसके बाद ग्रामीणों की कोई जवाबदेही नहीं रहेगी।
-गायत्री उप्रेती, निवासी हुड़ेती
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फोटो फाइल: 19 पीटीएच 09
क्षेत्र में लंबे समय से गुलदार सक्रिय नजर आ रहा है। गुलदार दिनदहाड़े आबादी की ओर रु ख कर रहा है। गुलदार के भय से गांवों में कर्फ्यू जैसे हालात पैदा हो गए हैं। बच्चे आंगन में खेल भी नहीं पा रहे हैं। वन विभाग को सूचित करने के बाद भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
-त्रिलोचन भट्ट, ग्राम प्रधान बड़ोली
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फोटो फाइल: 19 पीटीएच 10
वन विभाग की ओर से ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। गुलदार के आतंक से ग्रामीण सहमे हैं। गुलदार के भय से ग्रामीणों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो चुका है। महिलाएं खेतों में घास काटने नहीं जा पा रही हैं। विभाग को महिलाओं की सुरक्षा के लिए उचित इंतजाम करने चाहिए।
-कल्पना उप्रेती, ग्राम प्रधान हुड़ेती
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फोटो फाइल: 19 पीटीएच 19
गुलदार अभी तक तीन लोगों को निवाला बना चुका है। कई लोगों को घायल कर चुका है। विभाग गुलदार प्रभावित क्षेत्रों में मात्र पिंजरा लगाकर कर्तव्य की इतिश्री कर रहा है। मृतकों को मुआवजा तक नहीं दिया जा रहा है। ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। गांवों में खेतीबाड़ी करने वाली महिलाओं के लिए खतरा बना हुआ है।
-मयूख महर, पूर्व विधायक