अपनी आत्मरक्षा खुद कर सकेंगी बेटियां
जागरण संवाददाता पिथौरागढ़ पहाड़ की महिलाएं जीवट होती हैं। समय आने पर जंगली जानवरों से भिड
जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़: पहाड़ की महिलाएं जीवट होती हैं। समय आने पर जंगली जानवरों से भिड़ कर आत्मरक्षा के साथ अन्य लोगों को भी बचा चुकी हैं। पहाड़ की आम ग्रामीण महिलाओं की दिलेरी सर्वविदित है। इधर महिलाओं, किशोरियों के साथ बढ़ रही छेड़छाड़ की घटनाओं को लेकर अब पहाड़ के गांव की किशोरियां आत्मरक्षा के आधुनिक तरीके सीखने को आगे आ चुकी हैं। दरअसल नेपाल और चीन सीमा से सटे दस गांवों की 30 किशोरियां को अर्पण संस्था आत्मरक्षा के लिए मार्शल आटर््स के गुर सीखा रही हैं। जिसमें दक्ष होने के बाद ये सभी किशोरियां सीमा से लगे सभी गांवों की अन्य लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाएंगी। गांवों की साहसी मानी जाने वाली महिलाएं आने वाले दिनों में एक नई कहानी लिखने की पटकथा तैयार कर रही हैं।
तहसील डीडीहाट के अस्कोट क्षेत्र का हेल्पिया गांव। जहां पर जन सरोकारों और महिला उत्थान के लिए समर्पित अर्पण संस्था पहाड़ के गांवों की किशोरियों को आत्मरक्षा के लिए निपुण कर रही है। पहली बार सीमा छोर की किशोरियों को आत्मरक्षा के लिए मार्शल आटर््स के गुर सिखाए जा रहे हैं। दस गांवों की 30 किशोरियां इसमें दक्ष हो रही हैं। सीमांत के देवल, अस्कोट, बगड़ीहाट, तीतरी, हिनकोट, धारचूला के गोठी, कालिका, नयाबस्ती, चामी, बरम, घट्टाबगड़ गांवों की तीस किशोरियां मार्शल आर्टस को लेकर काफी उत्साहित हैं।
आत्मरक्षा एवं जेंडर भेदभाव को लेकर संस्था द्वारा आयोजित कार्यशाला में किशोरियों को आत्मरक्षा के तरीके सिखाने के साथ ही मास्टर ट्रेनर बनाया जा रहा है। कार्यक्रम में प्रशिक्षण दे रही ब्रेकिंग आटर्् पिथौरागढ़ के प्रशिक्षक पवन जोशी और अंकुर जोशी प्रशिक्षण दे रहे हैं। प्रशिक्षकों ने ग्रामीण किशोरियों की लगन और मेहनत को काबिले तारीफ बताया। उनका कहना है कि मार्शल आर्टस में माहिर हो चुकी किशोरियां सीमांत के गांवों की सभी किशोरियां को प्रशिक्षित करने में सक्षम हो चुकी हैं। प्रशिक्षण के दौरान संस्था की खीमा जेठी, हेमलता, ज्योति, सीमा व अन्य भी इस सार्थक पहल में अपना सहयोग दे रही हैं। ============ आत्मविश्वास से लबरेज हैं किशोरियां आत्मरक्षा के गुर सीख रही साक्षी, विनीता, यशोदा, दीपाली, ज्योति, अंकिता, अनुष्का, श्वेता, प्रियंका, नीतू, नानू, दिवा, आस्था आत्मविश्वास से लबरेज हैं। मार्शल आर्टस से अपने क्षेत्र की सभी महिलाओं को प्रशिक्षित करने को तैयार हैं। ======== किशोरियों को आत्मरक्षा और जेंडर भेदभाव की विस्तार से जानकारी दी गई। क्षेत्र में हो रही महिलाओं और किशोरियों के साथ छेड़छाड़ व हिसा को ध्यान में रखते हुए यह कार्यक्रम चलाया गया है। किशोरियां द्वारा दिखाया गया उत्साह भविष्य में महिला सुरक्षा के लिए सीमांत में मील का पत्थर साबित होगा। तीस किशोरियां सीमांत के सभी गांवों में जाकर किशोरियों को मार्शल आर्टस में दक्ष करेंगी।
- रेनू ठाकुर, संस्थाध्यक्ष अर्पण