रू ढ़ी परंपराओं को तोड़ बेटी ने दी पिता को मुखाग्नि
अर्जुन सिंह रावत, थल: पहाड़ की बेटियां रू ढ़ परंपराओं को तेजी से तोड़ रही हैं। थल क्षेत्र में स
अर्जुन सिंह रावत, थल: पहाड़ की बेटियां रू ढ़ परंपराओं को तेजी से तोड़ रही हैं। थल क्षेत्र में सोमवार को एक बेटी न केवल पिता की शवयात्रा में शामिल हुई बल्कि पिता को मुखाग्नि भी दी। महिला संगठनों ने इस युवती की पहल को प्रेरणादायी बताया है।
भारतीय परंपरा में बेटियों को शवयात्रा और शवदाह से दूर ही रखा जाता है, लेकिन अब बेटियां इस परंपरा को तेजी से तोड़ रही हैं। पहाड़ के अलग-अलग हिस्सों में बेटियां अपने माता-पिता की शवयात्रा में शामिल होने के साथ ही शवदाह भी कर रही हैं।
थल क्षेत्र के राइआगर गांव में ललित प्रसाद आर्य का रविवार को निधन हो गया था। उनकी सबसे बड़ी बेटी मीनाक्षी और दूसरी हिना और बेटा अजय आर्या है। अजय कुवैत में नौकरी करता है। पिता को मुखाग्नि देने के लिए अजय का एक ही दिन में कुवैत से थल पहुंचना संभव नहीं था। पिता के शवदाह को लेकर समस्या खड़ी हुई तो बड़ी बेटी मीनाक्षी ने शवदाह करने का फैसला लिया। वे घर से थल रामगंगा घाट तक शवयात्रा के साथ पहुंची और उन्होंने पिता को मुखाग्नि दी। मीनाक्षी वर्तमान में हल्द्वानी से बीएड कर रही हैं। उनकी इस पहल की तमाम महिला संगठनों ने सराहना करते हुए कहा कि बेटे और बेटियों में भेदभाव करने वाली रू ढ़ परंपरा को तोड़कर मीनाक्षी ने मिसाल पेश की है।