उपभोक्ता फोरम ने इंश्योरेंस कंपनी को दिए क्षतिपूर्ति के आदेश
जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़ : ग्यारह वर्ष पूर्व दुघर्टनाग्रस्त जीप का जिला उपभोक्ता संरक्षण फोरम न
जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़ : ग्यारह वर्ष पूर्व दुघर्टनाग्रस्त जीप का जिला उपभोक्ता संरक्षण फोरम ने ओरियंटल इंश्योरेंस कंपनी को वाहन में हुई क्षति और वाद व्यय के मद में दस हजार रु पये सहित कुल सवा लाख रुपये की क्षतिपूर्ति दो माह के भीतर परिवादी को देने के आदेश दिए हैं। परिवादी को परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि से छह फीसद वार्षिक की दर से ब्याज प्राप्त करने का अधिकारी बताया है।
मामला ग्यारह वर्ष पूर्व का है। सात जुलाई 2007 की रात्रि साढ़े नौ बजे राजेंद्र उर्फ राजेश जीप खड़ी करने के लिए आ रहा था तो सूनी के पास जीप संख्या यूए 04डी- 5843 दुघर्टनाग्रस्त हो गई थी जिसमें राजेंद्र की मौत हो गई थी। जीप में अन्य कोई सवारी नहीं थी अलबत्ता जीप को काफी अधिक नुकसान हुआ। जीप मालिक जगत सिंह ने इसकी सूचना थल थाने को दी। ओरियंटन इंश्योरेंस कंपनी ने सर्वेयर भेजा जिसमें अपनी रिपोर्ट तैयार कर कपंनी को दी। जगत सिंह के अनुसार उसके वाहन में लगभग डेढ़ लाख रुपये नुकसान हुआ। इंश्योरेंस कंपनी ने बिल लेने के बाद बीमा धनराशि का भुगतान नहीं किया। कुछ माह बाद बीमा कंपनी ने चालक के पास पांच वर्ष पुराना लाइसेंस नहीं होने की बात कहते हुए क्लेम नो क्लेम कर दिया। परिवादी के अनुसार चालक के पास परिवहन यान चलाने का हल्द्वानी से जारी लाइसेंस था। घटना के दिन चालक के पास पर्वतीय मार्ग हेतु वाहन चलाने का पांच वर्ष का अनुभव न होने के कारण परिवादी के क्लेम को निरस्त घोषित किया गया था। बीमा कंपनी के खिलाफ परिवादी जगत सिंह ने उपभोक्ता फोरम में प्रबंधक दि ओरिएंटल बीमा कंपनी लिमिटेड के विरुद्ध क्षतिपूर्ति की धनराशि का बीमाधन डेढ़ लाख रु पये दुघर्टना की तिथि से मय ब्याज दिलाने एवं सेवा में कमी और पृथक से 25 हजार रुपये दिलाने के लिए फोरम के समक्ष परिवाद प्रस्तुत किया था।
इस मामले में मंगलवार को अध्यक्ष/ जिला जज जिला फोरम उपभोक्ता संरक्षण राजेंद्र जोशी और सदस्य फोरम चंचल सिंह बिष्ट ने परिवादी के तथ्यों को सही बताते विपक्षी दि ओरियंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड खजान चंद मैंशन दि माल अल्मोड़ा के खिलाफ दाखिल परिवाद याचित अनुतोष के लिए स्वीकार किया। विपक्षी को दुघर्टना में हुई हानि के मद में एक लाख पंद्रह हजार तीन सौ साठ रु पए तथा परिवादी को हुई हानि एवं वाद व्यय के मद में दस हजार रु पये कुल एक लाख पच्चीस हजार, तीन सौ साठ की क्षतिपूर्ति निर्णय के दो माह के भीतर अदा करने को कहा है। साथ ही फोरम के समक्ष परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि 27 फरवरी 2008 से प्रचलित बैंक ब्याज दर से छह फीसद वार्षिक की दर से साधारण ब्याज प्राप्त करने का अधिकारी बताया है।