पीएचसी चिकित्सकों के सहारे चल रहा है सीएचसी
गौरीशंकर पंत, लोहाघाट सीएचसी लोहाघाट से पीपीपी मोड हटाने के बाद अस्पताल की व्यवस्था स
गौरीशंकर पंत, लोहाघाट
सीएचसी लोहाघाट से पीपीपी मोड हटाने के बाद अस्पताल की व्यवस्था सुधारने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों में बने पीएचसी के डॉक्टरों को सीएचसी में अटैच कर दिया है। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों की स्वास्थ्य व्यवस्था बेपटरी हो गई है। इधर, ग्रामीणों ने शीघ्र चिकित्सकों की वापसी न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। सीएचसी में लंबे समय से बाल रोग विशेषज्ञ, हड्डी रोग विशेषज्ञ, नेत्र सहायक, एक्सरे तकनीशियन सहित अन्य पद कई वर्षो से रिक्त चल रहे है। जिस कारण मरीजों को छोटी-छोटी बीमारियों के लिए हायर सेंटर या जिला अस्पताल की दौड़ लगानी पड़ रही है। जिसके चलते न तो लोगों को समय से उपचार मिल पा रहा है और तो और समय व धन की बर्बादी भी खूब हो रही है। पीएचसी के इन डॉक्टरों को किया गया है अटैच
लोहाघाट : स्वास्थ्य विभाग ने सीएचसी की हाल सुधारने के लिए पीएचसी ईजडा से डॉ. जुनैद, चौमेल से डॉ. जीतेंद्र जोशी व खेतीखान से डॉ. कीर्ति मेहता व पुल¨हडोला से डॉ. अमित यादव को सीएचसी में अटैच किया है। जिसके चलते ग्रामीण क्षेत्रों की स्वास्थ्य व्यवस्था पटरी से उतर गई है। सुई पऊ के ग्रामीणों में भड़का आक्रोश
लोहाघाट: ग्राम सभा सुई पऊ में एक मात्र एएनएम सेंटर में फार्मासिस्ट को सीएचसी अस्पताल में व्यवस्था में भेजने से गांव की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। गांव के ग्राम प्रधान मनोज ओली, भुवन चौबे, विमला चतुर्वेदी का कहना है। लगातार वायरल का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। गांव की स्वास्थ्य सेवा व्यवस्थाओं में भेजने से समस्या और बढ़ गई है। शीघ्र व्यवस्था में सुधार नही किया गया तो ग्रामीण आंदोलन को बाध्य होगे। बदहाल हो रही ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाएं
लोहाघाट : बाराकोट विकास खंड के ईजड़ा एलोपैथिक चिकित्सालय, चौमेल, खेतीखान क्षेत्र के पीएचसी में तैनात डॉक्टरों को सीएचसी में अटैच कर गांवों की स्वास्थ्य सेवाओं को बदहाल कर दिया है। जिससे ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ वायरल की मार है। दूसरी ओर चिकित्सकों का अभाव है। जिसके चलते क्षेत्र के लोगों को छोटी- छोटी बीमारी के लिए लोहाघाट दौड़ लगानी पड़ रही है। लोगों ने शीघ्र ही व्यवस्था में भेजे गए चिकित्सकों को वापस भेजने की मांग की है। वहीं ईजड़ा के ग्रामीणों ने क्षेत्र में इमरजेंसी सेवा की मांग की है।