बंद पड़ी मैग्नेसाइट फैक्ट्री का मामला राज्यसभा सदस्य बलूनी तक पहुंचा
पिथौरागढ़ में पिछले ढाई दशक से बंद पड़ी चंडाक मैग्नेसाइट फैक्ट्री का मामला राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी के पास जाने से इसके कर्मचारियों में आशा की किरण जगी है।
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़ : पिछले ढाई दशक से बंद पड़ी चंडाक मैग्नेसाइट फैक्ट्री का मामला राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी तक पहुंच गया है। बलूनी से मिले आश्वासन के बाद कर्मचारियों में करोड़ों के भुगतान की उम्मीद जगी है।
वर्ष 1976 में पिथौरागढ़ मुख्यालय के नजदीक चंडाक में मैग्नेसाइट फैक्ट्री स्थापित की गई थी। फैक्ट्री में तैयार डीबीएम देश की विभिन्न स्टील फैक्ट्रियों में भेजा जाता था। वर्ष 1996 में फैक्ट्री बंद कर दी गई। फैक्ट्री में तैनात 350 कर्मचारियों और मजदूरों का करीब 16 करोड़ रू पया मालिक ने भुगतान नहीं किया। तब से आज तक कर्मचारी अपने पैसे के भुगतान की मांग विभिन्न माध्यमों से कर चुके हैं। तमाम जनप्रतिनिधियों के सामने मामला रखे जाने के बाद भी भुगतान नहीं होने से परेशान फैक्ट्री के वरिष्ठ कर्मचारी सीएम अवस्थी ने यह मामला अब सांसद अनिल बलूनी के सामने रखा है। कर्मचारियों ने उन्हें पूरे मामले की जानकारी देते हुए कहा कि मैग्नेसाइट उद्योग के शुरू हो जाने की अभी भी पूरी उम्मीदें हैं। फैक्ट्री की जमीनों में उम्दा किस्म का मैग्नेसाइट उपलब्ध है। इस मैग्नेसाइट का खदान कर इसे बंदी के कगार पर पहुंच रही अल्मोड़ा मैग्नेसाइट को उपलब्ध कराया जा सकता है। फैक्ट्री के कबाड़ को बेचकरअच्छी खासी आमदनी की जा सकती है। इससे मजदूरों के बकाये का भुगतान संभव है। मैग्नेसाइट फैक्ट्री स्थल पर प्रदूषण रहित उद्यम स्थापित कर स्थानीय लोगों को रोजगार देने की मांग फैक्ट्री कर्मचारियों ने सांसद के सामने रखी। सांसद ने पूरे मामले का अध्ययन कर कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।