चुनाव ने निकाला पहाड़ की परिवहन व्यवस्था का दम
संवाद सहयोगी पिथौरागढ़ पहले ही बदहाल पहाड़ की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को चुनाव ने बेदम कर
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: पहले ही बदहाल पहाड़ की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को चुनाव ने बेदम कर दिया है। रोडवेज की सीमित बसों में से 75 फीसदी से अधिक बसें निर्वाचन महकमे ने अधिग्रहित कर ली हैं। जिससे रोडवेज को अपनी तमाम सेवाएं बंद करनी पड़ी हैं। बसें नहीं मिलने से यात्री तो परेशान है ही निगम को भी भारी घाटा उठाना पड़ रहा है।
सीमांत पिथौरागढ़ डिपो में रोडवेज की कुल 63 बसें हैं। इनमें दो बसें तकनीकी खराबी से आफ रू ट चल रही हैं। 61 बसों में से 41 बसे निर्वाचन महकमे ने अधिग्रहित कर ली हैं। डिपो के पास मात्र 20 बसें बची हैं। बसें उपलब्ध नहीं होने से दिल्ली, देहरादून के लिए चलने वाली नौ-नौ सेवाओं में से मात्र दो-दो सेवाएं ही संचालित हो पा रही हैं। बदायूं, नैनीताल की सेवा बंद हो गई है। गंगोलीहाट, धरमघर, मुनस्यारी से अब यात्रियों को दिल्ली और देहरादून के लिए सीधी बस सेवा नहीं मिलेगी। अधिकांश सेवाएं बंद हो जाने से यात्रियों को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। मजबूर यात्री टैक्सियों में महंगा किराया देकर सफर करने को मजबूर हैं। ======= हर रोज हो रहा है सात लाख का नुकसान पिथौरागढ़: सीमांत डिपो को बसों से हर रोज नौ लाख रुपये की आमदनी होती है, लेकिन अधिकांश बसें चुनाव के लिए अधिग्रहित कर लिए जाने के बाद आय घटकर दो लाख रुपये तक सिमट गई है। निगम की बसों का अधिग्रहण दो मार्च से शुरू हो गया था। निगम को अपनी बसें अब 13 मार्च की सायं वापस मिलेंगी। 14 अप्रैल से व्यवस्थाएं पटरी पर आएंगी। -======== 41 बसें सुरक्षा कर्मियों को लाने ले जाने, मतदान पार्टियों को पहुंचाने के लिए निर्वाचन महकमे को दी गई हैं। बसों की कमी के चलते दिल्ली, देहरादून, बदायूं, नैनीताल रू टों पर सेवाएं प्रभावित हुई हैं। 13 अप्रैल को बसें वापस मिलने के बाद 14 अप्रैल से व्यवस्थाएं सामान्य होंगी।
- आरसी रावत, सीनियर फोरमैन, पिथौरागढ़ डिपो