नेपाली पेंशनरों के लिए पुल खुला तो झूलाघाट के व्यापारी बैठेंगे आमरण अनशन पर
झूलाघाट के व्यापारियों ने नेपाली पेंशनरों के लिए झूला पुल खोले जाने का विरोध करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी।
झूलाघाट (पिथौरागढ़), जेएनएन : नेपाल के भारत से पेंशन लेने वालों के लिए सात दिन अंतरराष्ट्रीय झूला पुल खुलने को लेकर भारतीय व्यापारी आक्रोशित हैं। भारतीय व्यापारियों ने कहा है कि पुल सात दिन के लिए नहीं अपितु हमेशा के लिए खोला जाए। नेपाली पेशनरों के लिए सात दिन के पुल खोला गया तो व्यापारी पुल के गेट पर आमरण अनशन करेंगे।
भारतीय सेना में कार्य करने वाले नेपाली पेंशनर्स के लिए सात दिन पुल खोलने का प्रस्ताव नेपाल सरकार ने भारत सरकार को भेजा है। इस पत्र के आधार पर सात दिन पुल खुलना है। जिसे लेकर बीते दिनों 14 दिनों तक अनशन कर चुके भारतीय व्यापारी फिर उत्त्तेजित हो गए हैं। इस संबंध में गुरु वार को व्यापार संघ अध्यक्ष जगदीश जोशी की अध्यक्षता में व्यापारियों की भगीरथ चौक पर बैठक हुई ।
बैठक में बोलते हुए अध्यक्ष जोशी ने कहा कि जब कोरोना को लेकर पुल बंद है तो पूरी तरह बंद रहना चाहिए। उपाध्यक्ष गणेश दत्त्त भट्ट ने बताया कि व्यापार संघ द्वारा जिलाधिकारी को दिए पत्र में कहा है कि पुल हमेशा के लिए खोला जाए। पुल यदि नेपाली पेंशनर्स के लिए सात दिनों के लिए पुल खोला जाता है तो व्यापार संघ के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष झूलापुल के सामने आमरण अनशन पर बैठेंगे। जिलाधिकारी के नाम का पत्र उप राजस्व निरीक्षक गोपाल डीनिया को सौंपा गया। ========== हमें भी नेपाल जाने की अनुमति दो भारत के व्यापारी धर्मानंद पंत, मोहन भट्ट, जयदेव बडू, लवदेव भट्ट, तिलक चंद ने बताया कि उनके द्वारा जिला प्रशासन से अपनी वसूली करने और 17 अक्टूबर से नवरात्र में अपने मंदिरों में पूजा-अर्चना के लिए नेपाल जाने की अनुमति मांगी थी। अनुमति पत्र दिए लंबा समय हो चुका है प्रशासन ने अभी तक कोई जबाव नहीं दिया है। व्यापारियों कहना था कि उनके मंदिर नेपाल के बैतड़ी में हैं नवरात्र में अपनी कुलदेवी भगवती के दर्शन के अलावा व्यापार में नेपाल में फंसा धन लाना है। नेपाल के पेंशनर्स को भारत आने की अनुमति मिलती है तो हमें भी नेपाल जाने की अनुमति मिलनी चाहिए।