अंतिम सांसें गिन रहा चीन सीमा को जोड़ने वाला मोटर पुल
संवाद सूत्र थल जिला मुख्यालय से करीब 55 किमी दूर थल स्थित रामगंगा नदी पर बना मोटर पुल अंतिम सां
संवाद सूत्र, थल: जिला मुख्यालय से करीब 55 किमी दूर थल स्थित रामगंगा नदी पर बना मोटर पुल अंतिम सांसें गिन रहा है। पुल के लेंटर से सीमेंट टूट गया है। सरिया दिखने लगी है। वाहनों के आवागमन पर पुल आवश्यकता से अधिक कंपन्न करने लगा है। बावजूद इसके पुल पर आवागमन जारी है। हर रोज पुल से स्कूली बच्चों के साथ ही सैकड़ों की तादाद में छोटे-बड़े वाहन गुजरते हैं। जर्जर हो चुकेइस पुल पर रोजाना सफर खतरनाक साबित हो सकता है।
वर्ष 1962 में भारत-चीन युद्ध के दौरान सामरिक दृष्टि से रामगंगा नदी पर मोटर पुल का निर्माण किया गया था। 68.50 किमी लंबा, 126/1 भार क्षमता बी श्रेणी का यह पुल तब उत्तराखंड का सबसे चौड़ा व बड़ा एकमात्र पुल था। तब पुल से चुंगी वसूल की जाती थी। पुल की लागत मूल्य वसूल होने पर जनवरी 2012 में पुल से चुंगी हटी। वर्ष 2002 तक यहां गार्द पुलिस की तैनाती थी। यह पुल मुनस्यारी, धारचूला, पिथौरागढ़, हल्द्वानी, बागेश्वर, ग्वालदम को जोड़ता है। इसके अलावा स्थानीय जनता के आवागमन के लिए भी यह एकमात्र पुल है, मगर वर्तमान में देखरेख के अभाव में यह पुल दयनीय हालत में है। पुल के वेयरिग नेट बोल्ट व प्लेट में जंग लग चुका है। पांच स्लैब युक्त फर्श के बीच में तीन व चार इंच स्पॉन बढ़ गया है। पुल के फर्श के निचले हिस्से से सीमेंट टूट कर गिरने लग गया है। एक वाहन के आवागमन से ही पुल में काफी कंपन्न होने लगती है। इस पुल की देखरेख का जिम्मा लोनिवि डीडीहाट के पास है। कई बार विभाग को आगाह करने के बाद भी अधिकारियों के कानों में जूं नहीं रेंक रही हैं। हालांकि विभाग द्वारा पुल में चेतावनी बोर्ड लगाया गया है। जिसमें लिखा गया है कि पुल में एक बार में एक ही बड़ा वाहन प्रवेश करेगा, मगर नियम का पालन कराने के लिए किसी भी तरह की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। जिस कारण पुल से धड़ल्ले से एक साथ कई भारी वाहन आवागमन करते हैं। विभाग की यह बड़ी लापरवाही कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकती है। ======== पुल मरम्मत कार्य के लिए दस महीने पहले शासन को इस्टीमेट बनाकर भेजा जा चुका है। मरम्मत कार्य के लिए अभी तक धनराशि स्वीकृत नहीं हुई है। स्वीकृति मिलते ही पुल का मरम्मत कार्य शुरू कर दिया जाएगा। कार्य के दौरान वाहनों के आवागमन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी।
- एके वर्मन, अधिशासी अभियंता लोनिवि, डीडीहाट।