सरकार के नोटिस पर बिफरे चिकित्सक
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: सीईए के विरोध में निजी चिकित्सक चौथे दिन भी हड़ताल में डटे रहे।
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: सीईए के विरोध में निजी चिकित्सक चौथे दिन भी हड़ताल में डटे रहे। क्लीनिकों में ताले लटके रहे। परेशान मरीज भटकते रहे। कई रोगियों को दिल्ली, बरेली ले जाना पड़ा है।
क्लीनिकल एस्टीब्लसमेंट एक्ट(सीईए)का विरोध कर रहे चिकित्सकों ने कहा है कि यह बिल चिकित्सा व्यवस्था का ही नहीं बल्कि आम मरीजों का भी विरोधी है। इसके लागू हो जाने से इलाज कई गुना महंगा हो जाएगा। आम मरीजों के लिए महंगी चिकित्सा सेवा का भार उठा पाना संभव नहीं होगा। सरकार ने इस एक्ट में संशोधन का भरोसा चिकित्सकों को दिया था, लेकिन भरोसा पूरा करने की जगह अब चिकित्सकों को प्रशासनिक कार्रवाई के लिए नोटिस दिए जा रहे हैं। चिकित्सकों ने कहा है कि बिल में संशोधन नहीं होने तक वे अपने क्लीनिक नहीं खोलेंगे। निजी चिकित्सालय बंद रहने से मरीज खासे परेशान हैं। जनपद में सरकारी चिकित्सा सेवा की हालत बेहद दयनीय है। चिकित्सालयों में न तो विशेषज्ञ चिकित्सक हैं और नहीं जांच के कोई अन्य इंतजाम। ऐसे में मरीजों को निजी चिकित्सालयों से ही थोड़ी राहत मिल पाती है।
इधर पूर्व राज्य सभा सांसद महेंद्र सिंह माहरा, कांग्रेस के मीडिया समन्वयक मुकेश पंत ने चिकित्सकों की हड़ताल का समर्थन करते हुए कहा कि नया एक्ट पहाड़ की चिकित्सा व्यवस्था को पूरी तरह चौपट कर देगा। गरीब मरीजों के लिए महंगा इलाज करा पाना संभव नहीं होगा। दोनों ने सीईए को जनविरोधी करार देते हुए इसे अविलंब वापस लिए जाने की मांग की है।