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श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ पिथौरागढ़ में गरजे बैंक-बीमा कार्मिक, आंगनबाड़ी और आशा वर्कर्स

श्रमिकों संगठनों की हड़ताल का पिथौरागढ़ जिले में खासा असर रहा। बैंक और बीमा कर्मियों समेत आंगनबाड़ी व आशा कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 08 Jan 2020 10:57 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jan 2020 06:10 AM (IST)
श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ पिथौरागढ़ में गरजे बैंक-बीमा कार्मिक, आंगनबाड़ी और आशा वर्कर्स
श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ पिथौरागढ़ में गरजे बैंक-बीमा कार्मिक, आंगनबाड़ी और आशा वर्कर्स

पिथौरागढ़, जेएनएन : श्रमिकों संगठनों की हड़ताल का सीमांत जिले में खासा असर रहा। बैंक और बीमा कर्मी हड़ताल में रहे। डाक, आंगनबाड़ी, आशा और दवा प्रतिनिधियों ने श्रमिक नीतियों के विरोध में प्रदर्शन किया। बैंक कर्मियों की हड़ताल से जिले में 50 करोड़ से अधिक का कारोबार प्रभावित हुआ।

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ग्रामीण बैंक कर्मियों ने क्षेत्रीय कार्यालय के सम्मुख प्रदर्शन कर सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों का विरोध किया। बैंक कर्मियों ने श्रमिक संगठनों द्वारा उठाई जा रही मांगों पर कार्रवाई की मांग उठाई। प्रदर्शन करने वालों में दीपेश बोरा, कुलदीप सिंह, अजय टोलिया, लाल सिंह मेहता, अनुराधा, कुसुमलता, श्याम सिंह, नितिन सती, सुनील, आशुतोष पैन्यूली, भुवनेश बरफाल, अविरल, प्रदीप, अनिकेत, राहुल, भारती आदि शामिल थे। ग्रामीण बैंकों में कामकाज नहीं होने से ग्राहक परेशान रहे।

बीमा कर्मचारी संघ ने एलआइसी परिसर के समक्ष प्रदर्शन कर रोष जताया। प्रदर्शन करने वालों में संघ के अध्यक्ष डीएन भट्ट, सचिव हिमांशु जोशी, मोहन राम, राजीव जोशी, विपिन वर्मा, भुवन भट्ट, प्रमोद पाटनी, लक्की चंद्र तिवारी, भाष्कर दरियाल, गोविंद सिंह बसेड़ा आदि शामिल थे। डाक कर्मियों ने मुख्य डाकघर के समक्ष श्रमिक विरोधी नीतियों का विरोध किया।

दवा प्रतिनिधि संघ के अध्यक्ष भुवन चंद्र पांडे की अगुवाई में दवा प्रतिनिधियों ने जिलाधिकारी कार्यालय के सम्मुख प्रदर्शन कर धरना दिया। दवा प्रतिनिधियों ने न्यूनतम वेतन और काम के घंटे तय करने के साथ ही प्राइवेट सेक्टर में सरकार का हस्तक्षेप कम करने की मांग की। प्रदर्शन करने वालों में प्रदेश सचिव पीके मिश्रा, सचिव भगवान सिंह, गंभीर भंडारी, सुरेश जोशी, डीडी अवस्थी आदि शामिल थे।

उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर यूनियन ने जुलूस निकालकर सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों का विरोध किया। वर्करों ने आशाओं को दस हजार रुपये मासिक मानदेय देने, वार्षिक प्रोत्साहन राशि देने, राष्ट्रीय स्वास्थ मिशन के निजीकरण और एनजीओकरण पर रोक लगाने की मांग की। प्रदर्शन करने वालों में जिलाध्यक्ष इंद्रा देऊपा, लीला जोशी, दीपा देवी, लक्ष्मी नेगी, उर्मिला सौन, बसंती सौन, नेहा चंद, भागीरथी, सीमा नगरकोटी आदि शामिल थे। आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन कार्यकर्ताओं ने भी जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने आंगनबाड़ी वर्करों को कर्मचारी का दर्जा देने, आइसीडीएस के निजीकरण पर रोक लगाने, पेंशन देने की मांग उठाई। प्रदर्शन करने वालों में अनुराधा अग्रवाल, पूनम सिंह, नीमा बिष्ट, दया पाठक, हेमा जोशी, इंद्रा, हेमा, पूजा, आशा रावत, कमला, उमा पवार आदि शामिल थे।

धारचूला: एनएचपीसी वर्कर्स यूनियन ने राष्ट्रीय आह्वान पर प्रदर्शन कर श्रमिक विरोधी नीतियों का विरोध जताया। कर्मचारियों ने श्रमिक विरोधी नीतियों पर रोक लगाए जाने की मांग की। प्रदर्शन करने वालों में उदय धामी, नरेंद्र भंडारी, विनोद कुमार, आशा, विमल, जानकी, पदम थलाल, ताहिर, जीवन वर्मा, लक्ष्मण सिंह बोरा, इंद्र कुमार, राम सिंह, अमर दुग्ताल, नरेंद्र सोनाल, विष्णु दत्त, मनोहर राम आदि शामिल थे।

गंगोलीहाट: बुधवार को राष्ट्रव्यापी हड़ताल के समर्थन में गंगोलीहाट में भी विभिन्न मांगों को लेकर आशा व आंगनबाड़ी वकर्स ने विरोध प्रदर्शन किया। जिसमें आंगनबाड़ी हेल्थ वर्कर्स की ब्लॉक अध्यक्ष दीपा पंत, उपाध्यक्ष राधा मेहरा, सचिव मीना कार्की, कमला धारियाल और आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन की ब्लॉक अध्यक्ष उमा महरा, कमला देवी, हीपा देवी, मुन्नी देवी, सीता बोरा, हरिप्रिया, हरिओम आदि शामिल रहे। प्रमुख मांगें 1. बैकिंग सुधारों के नाम पर बैंकों के विलय का विरोध।

2. कॉरपोरेट ऋण की वसूली के लिए सही नीति बनाने।

3. बैकिंग सेक्टर में वेतन समझौता और अन्य सुविधाओं को तुरंत लागू करना।

4. बैंकों में आवश्यकतानुसार कर्मचारियों की तैनाती।

5. ग्रामीण बैंकों में विनिवेश रोकने।

6. ग्रामीण बैंकों को सरकार पूंजीगत समर्थन देने।

7. एलआईसी के शेयर बेचने की नीति पर रोक लगाने

8. बीमा क्षेत्र में एफडीआई बढ़ाने कीे कोशिश बंद करने

9. पुरानी पेंशन लागू करने।

10. श्रम संहिता के नाम पर श्रमिक विरोधी परिवर्तनों पर रोक लगाना।


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