नेपाल के करेंसी फैसले से भारत केबाजार भी होंगे प्रभावित
संवाद सूत्र, झूलाघाट: भारत की नई करेंसी नेपाल में गैर कानूनी घोषित कर देने से सीमावर्ती क्षे
संवाद सूत्र, झूलाघाट: भारत की नई करेंसी नेपाल में गैर कानूनी घोषित कर देने से सीमावर्ती क्षेत्रों के बाजार पर भी खासा असर पड़ेगा। अब नेपाल में कारोबार या अन्य कार्यों के लिए केवल सौ रु पए या उससे नीचे के नोट चल सकेंगे। नेपाल में भारत के दो सौ और पांच सौ रु पए के नोटों का प्रचलन अधिक रहता है। बताया जाता है कि वर्ष 2016 में भारत में नोटबंदी के बाद नेपाल में अब भी पुरानी भारतीय मुद्रा के अरबों रु पए फंसे हुए हैं।अब भारतीयों को नेपाल में इस्तेमाल के लिए सौ रु पए के नोट सहित पचास, दस , बीस के नोट ले जाने होंगे। या फिर नेपाल बार्डर पर भारतीय नोटों को नेपाली करेंसी से बदलना होगा।
नेपाल पर निर्भर बाजारों पर पड़ेगी मार झूलाघाट: जिले में भारत की सबसे लंबी सीमा नेपाल से लगती है। दोनों देशों के बीच आवाजाही के लिए छह झूलापुल हैं। भारत के धारचूला, बलुवाकोट, जौलजीवी और झूलाघाट बाजार नेपाल की ग्राहकी पर निर्भर हैं। इन बाजारों में पचास फीसद नेपाली ग्राहक होते हैं। नेपाली ग्राहक भी भारतीय करेंसी मांगते हैं। नेपाल के सौ रु पए भारत के साठ रु पए के बराबर होते हैं। जिसके चलते नेपाल में भारतीय करेंसी में पांच और दो हजार रु पए के नोटों का प्रचलन अधिक है। इसके अलावा भारत में नेपाल के मजूदरों की संख्या काफी अधिक है। अमूमन अपने देख लौटते वक्त मजदूर यहां पर छोटे नोटों को पांच सौ और दो हजार रु पए नोटों में बदल कर ले जाते हैं। वहीं सीमा से लगे बाजारों में दिक्कत पैदा होने की संभावना जताई जा रही है।
.................... भारत की नई करेंसी को नहीं दी थी मान्यता नेपाल सरकार ने अभी तक भारत में नोटबंदी के बाद जारी हुई नई करेंसी को मान्यता तो नहीं दी थी पर उसे गैरकानूनी भी नहीं घोषित किया था। इससे नेपाल के बाजार में ये नोट चल रहे थे। अब नेपाल सरकार ने नई भारतीय करेंसी को गैरकानूनी घोषित करते हुए इनका प्रचलन पूरी तरह बंद कराने का फैसला किया है। अब भारतीयों को नेपाल में इस्तेमाल के लिए 100-50 या अन्य छोटे नोट ले जाने होंगे। या फिर उन्हें नेपाल बॉर्डर पर ही नए भारतीय नोटों को नेपाल की करेंसी से बदलना होगा।