मार्ग खुलने के बाद दावेदार नामांकन पत्र भरने मुनस्यारी पहुंचने लगे
संवाद सूत्र मुनस्यारी/ नाचनी (पिथौरागढ़) पंचायती चुनाव के लिए नाम निर्देशन पत्र क्रय करने को ल
संवाद सूत्र, मुनस्यारी/ नाचनी (पिथौरागढ़) : पंचायती चुनाव के लिए नाम निर्देशन पत्र क्रय करने को लेकर तल्ला जोहार के नाचनी से लेकर कोटा पंद्रहपाला तक के दावेदारों को राहत मिली है। चार दिनों से बंद थल -मुनस्यारी मार्ग खुलने के बाद दावेदार नामांकन पत्र खरीदने विकास खंड मुख्यालय पहुंचने लगे हैं।
नाचनी से लेकर बांसबगड़ घाटी सहित कोटा पंद्रहपाला क्षेत्र आपदा से ग्रसित है। इस क्षेत्र में अभी केवल नाचनी-बांसबगड़ मार्ग खुल सका है। नाचनी-मुनस्यारी मार्ग चार दिन बंद रहा। कोटा-पंद्रहपाला मार्ग खोला जा रहा है। इस क्षेत्र में दस से पंद्रह के बीच ग्राम पंचायत हैं और पांच के आसपास क्षेत्र पंचायत सीट हैं। नामांकन पत्रों की बिक्री 16 सितंबर से प्रारंभ हो चुकी है, परंतु अभी तक क्षेत्र के दावेदार नामांकन पत्र खरीदने के लिए विकास खंड मुख्यालय मुनस्यारी नहीं पहुंच पाए हैं।
इस क्षेत्र से मुनस्यारी पहुंचने के लिए एक मात्र मार्ग थल-मुनस्यारी मार्ग है। नाचनी से मुनस्यारी तक 60 किमी मार्ग नाचनी के पास ही बंद हो गया । नामांकन पत्र खरीदने के लिए गांवों से जान हथेली पर रख कर नाचनी तक पहुंचे दावेदार नाचनी में फंसे हुए थे। गुरु वार को मार्ग खुलने के बाद मुनस्यारी को रवाना हुए हैं। शुक्रवार तक ही नामांकन पत्रों की बिक्री होनी है। जिसे देखते हुए दावेदार परेशान थे। इधर मार्ग खुलने से नामांकन पत्र भरने की राह तो मिली, परंतु अब प्रचार का भय सता रहा है।
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प्रचार के लिए गांवों में जाकर वोट मांगना संभव नहीं
आपदा प्रभावित क्षेत्र में पंचायती चुनावों की रौनक ठंड रहने के आसार हैं। ग्राम प्रधान तक तो अपनी ही ग्रा म पंचायत होने से दावेदार प्रचार कर लेंगे, परंतु क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत सदस्य के लिए वोट मांगने सभी गांवों में जा पाना संभव नहीं है। क्षेत्र के युवा समाजसेवी जगत सिंह दसौनी बताते हैं कि गांवों का अपने तोक गांवों से भी सम्पर्क नहीं रह चुका है। ऐसे में तीन से चार गांवों में फैली क्षेत्र पंचायत और दस से पंद्रह पंचायतों में फैली जिपं सदस्य पद के लिए प्रत्याशियों का हर गांव तक पहुंचना संभव नहीं है। प्रशासन चुनावों में व्यस्त हो चुका है। सड़क तो खुल जाएगी, परंतु सड़क से तीन से लेकर दस किमी की दूरी तक बसे गांवों के पैदल मार्ग नई पंचायत बनने के बाद भी खुलेंगे। जिसे लेकर इस क्षेत्र में पंचायती चुनाव को लेकर अन्य क्षेत्रों जैसी चहल पहल नहीं है।