आखिरकार प्रशासन ने सीमांत के भेड़ पालकों की ली सुध, इनर लाइन परमिट जारी करने की प्रक्रिया शुरू
पिथौरागढ़ में प्रशासन ने सीमांत के भेड़ पालकों के लिए इनर लाइन परमिट जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
पिथौरागढ़, जेएनएन : पिछले दस दिनों से इनर लाइन परमिट के लिए गुहार लगा रहे सीमांत के भेड़ पालकों की सुध आखिर प्रशासन ने ले ही ली। पंचायत प्रतिनिधियों के आंदोलन की चेतावनी को देखते हुए प्रशासन ने शनिवार से इनर लाइन परमिट जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
धारचूला और मुनस्यारी तहसील के अंतर्गत अपने गांवों में पहुंच चुके भेड़ पालक उच्च हिमालय में स्थित बुग्यालों(घास के मैदान)तक जाने के लिए परमिट की मांग कर रहे थे, लेकिन अभी तक प्रशासन ने इस मामले में कोई निर्णय नहीं लिया था। भेड़ पालक निचले इलाकों में चारे और पानी की समस्या से परेशान थे। भेड़ों पर भूखमरी का संकट गहरा रहा था। मालूम हो धारचूला क्षेत्र में छियालेक और मुनस्यारी तहसील में मिलम से आगे जाने के लिए इनर लाइन परमिट की आवश्यकता होती है। बगैर परमिट के कोई भी व्यक्ति इनर लाइन क्रास नहीं कर सकता है। भेड़ पालकों को हर वर्ष इनर लाइन परमिट जारी किए जाते हैं, लेकिन इस वर्ष इस प्रक्रिया के शुरू होने में हो रहे बिलंब से भेड़ पालकों के साथ ही पंचायत प्रतिनिधियों में भी गहरा आक्रोश था। जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने 31 मई से घरों में ही आंदोलन शुरू कर देने की चेतावनी दी थी। शनिवार को प्रशासन ने इनर लाइन परमिट जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी। धारचूला और मुनस्यारी के उपजिलाधिकारी एके शुक्ला ने बताया कि अगले कुछ दिनों में सभी भेड़ पालकों को परमिट जारी हो जाएंगे।