Move to Jagran APP

चीन सीमा तक बन रही सड़क की एक बाधा हुई दूर

संवाद सूत्र, धारचूला: गर्बाधार से चीन सीमा लिपूलेख तक बन रही सड़क की सबसे बड़ी बाधा बीआरओ ने

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Jan 2019 11:16 PM (IST)Updated: Tue, 15 Jan 2019 11:16 PM (IST)
चीन सीमा तक बन रही सड़क की एक बाधा हुई दूर
चीन सीमा तक बन रही सड़क की एक बाधा हुई दूर

संवाद सूत्र, धारचूला: गर्बाधार से चीन सीमा लिपूलेख तक बन रही सड़क की सबसे बड़ी बाधा बीआरओ ने पार कर दी है। अजेय माने जाने वाले लखनपुर से नंजग के मध्य की चट्टानों का सीना चीर कर तीन किमी सड़क तैयार हो गई है। लखनपुर से नजंग तक वाहन पास हो चुका है। अब नजंग से मालपा लामारी के मध्य सड़क बनते ही चीन सीमा तक वाहन चलने लगेंगे।

loksabha election banner

गर्बाधार ने लिपूलेख तक सड़क निर्माण का कार्य वर्ष 2006 से प्रारंभ हो गया था। सड़क निर्माण का कार्य सीमा सड़क संगठन के जिम्मे था। सड़क का निर्माण गर्बाधार से आगे होना था। गर्बाधार से बड़ी सात साल में ढाई से तीन किमी सड़क बना कर बीआरओ लखनपुर तक पहुंचा तो लखनपुर की चट्टानों के आगे बीआरओ की नहीं चली । लखनपुर से आगे की चट्टानों को काट कर आगे नहीं बढ़ पाने पर मार्ग निर्माण का कार्य उच्च हिमालय में प्रारंभ किया गया। हैलीकॉप्टर से गुंजी में जेसीबी, पोकलैंड पहुंचा कर सड़क निर्माण का कार्य प्रारंभ हुआ । उच्च हिमालय में पुलों का निर्माण करने के साथ ही बीआरओ ने गव्र्याग से अंतिम भारतीय पड़ाव नाबीढांग तक सड़क का निर्माण कर दिया।

लखनपुर से नंजग , मालपा होते हुए बूंदी तक सड़क निर्माण का कार्य एक निजी ठेकेदार कंपनी को दिया गया। निजी कंपनी को भी लखनपुर से नजंग के मध्य तीन किमी सड़क बनाने में दो साल से अधिक लग गए । सड़क निर्माण के दौरान हुए भूस्खलन के चलते पैदल मार्ग भी ध्वस्त होने से बीते वर्ष कैलास मानसरोवर यात्रा को पिथौरागढ़ से गुंजी तक हैलीकाप्टर से संचालित करनी पड़ी। स्थानीय ग्रामीणों के माइग्रेशन के लिए लखनपुर और नजंग के के पास काली नदी में अस्थाई पुल बना कर आवाजाही करनी पड़ी। लखनपुर , नजंग के आगे पस्त हो चुके बीआरओ के माध्यम से तीन किमी चट्टान काट कर मंगलवार को सड़क बन चुकी है। जो 76 किमी लंबे मार्ग की सबसे बड़ी बाधा थी।

सामरिक दृष्टि से चीन सीमा तक बन रही इस सड़क में अब नजंग से लामारी तक की बाधा दूर करनी है। लगभग पांच किमी इस क्षेत्र में कुछ हिस्से में सड़क बनी है और बीच -बीच में बननी है। यदि इसी गति से सड़क का कार्य चलता है तो इस वर्ष की कैलास मानसरोवर यात्रा के यात्री दिल्ली से चीन सीमा तक का सफर वाहन से कर सकें गे। वहीं भारत चीन व्यापार के व्यापारी भी वाहनों से सामान लेकर जा सकेंगे । बीआरओ से मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार को लखनपुर से नजंग के मध्य वाहन पास कराया गया है। यहां पर सड़क बनने से क्षेत्र के लोगों सहित बीआरओ, निजी कंपनी के कर्मियों ने खुशी जताई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.