रामगंगा नदी पर अस्थायी पुल का एक हिस्सा डूबा
उच्च हिमालयी क्षेत्र में सोमवार आधी रात अचानक मौसम ने करवट बदल ली। भारी बारिश से रामगंगा नदी पर बना अस्थायी पुल का एक हिस्सा नदी में डूब गया।
संवाद सूत्र, नाचनी (पिथौरागढ़) : उच्च हिमालयी क्षेत्र में सोमवार आधी रात अचानक मौसम ने करवट बदल ली और झमाझम बारिश हो गई। इससे रामगंगा नदी का जलस्तर बढ़ गया है। जलस्तर बढ़ने से नाचनी में साठ मीटर लंबे अस्थाई पुल का एक तरफ का हिस्सा नदी में डूब गया। इससे बागेश्वर जिले के छह गांव के लोगों की आवाजाही बंद हो गई है, इनके पास नदी पार करने के लिए अब गरारी ही एकमात्र सहारा रह गई है, जिस पर आवाजाही करना पहले से काफी दुष्कर साबित हो रहा है।
पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिले की सीमा पर बहने वाली रामगंगा नदी पर बना पक्का पुल 11 जुलाई 2018 को बादल फटने से बह गया था। इससे बागेश्वर जिले के आधा दर्जन गांव प्रभावित हुए। लोगों की समस्या को देखते पिथौरागढ़ जिला प्रशासन की पहल पर लोनिवि ने वहां गरारी लगा दी। रस्सी से खींचने वाली गरारी से आवाजाही में सबसे अधिक परेशानी बागेश्वर जिले के गांवों से नाचनी में पढ़ाई करने आने वाले स्कूली बच्चों को हो रही थी। इसे देखते ग्रामीणों ने नदी का जलस्तर घटने पर गत वर्ष नवंबर में श्रमदान से अस्थायी पुल बनाया। इधर, सोमवार की रात उच्च हिमालयी क्षेत्र में भारी बारिश से रामगंगा नदी का जलस्तर बढ़ गया, जिससे नदी पर बने कच्चे पुल का एक हिस्सा डूब गया।
------------ इन आधा दर्जन गांवों के लोगों की राह हो गई मुश्किल
अस्थाई पुल के डूबने से बागेश्वर जिले के काभड़ी, कालापैर, भकुना, मुसियाछैणा, खेती सहित छह गांवों के ग्रामीणों के आवागमन की समस्या पैदा हो गई है। इन गांवों का बाजार पिथौरागढ़ जिले का नाचनी बाजार है। ग्रामीणों को अब नाचनी बाजार आने के लिए छह से दस किमी तक की दूरी तय करनी होगी या फिर गरारी से ही सामान ले जाना होगा, जिससे ग्रामीण परेशान हैं।
------------ नदी में डूबा पुल ग्रामीणों द्वारा श्रमदान से बनाया था। नाचनी में आवाजाही के लिए गरारी लगी है। ग्रामीण गरारी से आवाजाही करेंगे। अब नदी का जलस्तर बढ़ेगा और गरारी से ही आवाजाही होगी।
-बीएस फोनिया, एसडीएम मुनस्यारी