होकरा गांव में 36 लोग भूख हड़ताल पर बैठे
संवाद सूत्र नाचनी (पिथौरागढ) मुनस्यारी तहसील के छोर पर बसे होकरा में शिक्षा स्वास्थ्य संचार का
संवाद सूत्र, नाचनी (पिथौरागढ): मुनस्यारी तहसील के छोर पर बसे होकरा में शिक्षा, स्वास्थ्य, संचार को लेकर होकरा गांव में दूसरे दिन भी ग्रामीणों की भूख हड़ताल जारी है। दूसरे दिन 22 नए आंदोलनकारियों ने अन्न जल त्याग कर भूख हड़ताल में बैठे। अनशनकारियों की संख्या तीन दर्जन हो चुकी है। तीन गांवों के दस साल के बच्चों से लेकर 80 साल तक वृद्ध भूख हड़ताल पर बैठे। इस दौरान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।
पहली बार सीमा छोर के खोयम, होकरा और गोला के ग्रामीण आंदोलन कर रहे हैं। अधिकारियों को और नेताओं को अपने गांव की समस्याओं का दीदार कराने के लिए ग्रामीणों ने यह कदम उठाया है। इस आंदोलन को लेकर तीनों गांवों के ग्रामीणों में उत्साह बना हुआ है। दूसरे दिन भूख हड़ताल में 22 नए आंदोलनकारी बैठे। इस मौके पर सरकार और शासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। तीनों गांवों से पांच सौ से अधिक लोग धरने पर बैठे। इस मौके पर ग्रामीणों ने कहा कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती है तब तक भूख हड़ताल जारी रहेगी।
इस मौके पर ग्राम प्रधान सुंदर सिंह मेहता ने कहा कि अब ग्रामीण मुख्यमंत्री के गांव आने और वार्ता करने पर ही भूख हड़ताल समाप्त होगी। सीएम से नीचे किसी से भी वार्ता नहीं की जाएगी। ग्रामीणों का आक्रोश भी बढ़ता जा रहा है। क्षेत्र में भारी बारिश के बाद ग्रामीण आंदोलन में डटे हैं।
दूसरे दिन भूख हड़ताल पर बैठे ग्रामीण
कै. भवान सिंह, हरचंद सिंह, इंद्र सिंह, दरपान सिंह मोहन सिंह, भीम सिंह, हरपाल सिंह, दीवान सिंह, बाला सिंह, लाल सिंह, सुर सिंह, मोहन सिंह, गंगा सिंह, ललित सिंह, प्रताप सिंह, रतन सिंह बैठे। पूर्व छात्रसंघ उपाध्यक्ष अल्मोड़ा हीरा सिंह मेहता, नरेंद्र सिंह, प्रह्लाद सिंह, कैलाश सिंह, प्रह्लाद सिंह ने भी आंदोलन में सहयोग दिया है।
============ पहली बार भूख हड़ताल के लिए गांव का चयन आज तक आंदोलन के लिए ग्रामीण जिला मुख्यालय, तहसील मुख्यालय चुनते थे। पहली बार ग्रामीणों ने भूख हड़ताल के लिए गांव चुना है। यह प्रशासन के लिए चुनौती बना है। ग्रामीणों का विश्वास है कि प्रशासन इस आंदोलन को गंभीरता से लेगा। =========
आंदोलन की सूचना देने के लिए तीस किमी दूर आना पड़ रहा है
संचार विहीन होकरा क्षेत्र से आंदोलन की सूचना देने के लिए रोज तीस किमी दूर नाचनी आना होता है। आंदोलन की सूचना देने के लिए हीरा सिंह मेहता नाचनी आते हैं और सूचना समाचार पत्रों सहित अन्य स्थानों के लिए वायरल की जाती है। ========== आंदोलन स्थल पर दो पुलिस जवान पहुंचे दो दिन से चल रहे आंदोलन की प्रशासन ने कोई सुध नहीं ली है। अलबत्ता दो पुलिस जवान शांति व्यवस्था के लिए गांव में पहुंच चुके हैं जो आंदोलन पर नजर रखे हैं। ========== एसडीएम की भी नहीं सुनी होकरा के ग्रामीणों ने
मुनस्यारी: संचार, शिक्षा और स्वास्थ सुविधाओं की मांग को लेकर होकरा में चल रही भूख हड़ताल को देखते हुए देर सायं एसडीएम आरसी गौतम अधिकारियों की टीम लेकर गांव पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों से वार्ता की और समस्याओं को दूर करने का भरोसा दिया, लेकिन ग्रामीण एसडीएम की बातों से सहमत नहीं हुए। ग्रामीणों ने कहा कि पूर्व में भी उन्हें कई बार आश्वासन दिए गए, लेकिन इन्हें कभी पूरा नहीं किया गया। ग्रामीणों ने कहा है कि जब तक जिलाधिकारी गांव पहुंचकर खुद समस्या समाधान का लिखित आश्वासन नहीं देते तब तक भूख हड़ताल जारी रहेगी।