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लॉकडाउन में 108 सेवा बनी गर्भवती महिलाओं की जीवन रक्षक

लॉकडाउन के दौरान 108 चिकित्सा वाहन गर्भवती महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 07 Apr 2020 04:42 AM (IST)Updated: Tue, 07 Apr 2020 06:20 AM (IST)
लॉकडाउन में 108 सेवा बनी गर्भवती महिलाओं की जीवन रक्षक
लॉकडाउन में 108 सेवा बनी गर्भवती महिलाओं की जीवन रक्षक

जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़: लॉकडाउन के दौरान 108 चिकित्सा वाहन गर्भवती महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है। रविवार की रात को जब सारे देशवासी घरों पर दीये जला रहे थे उसी समय जिले में 108 को एक महिला की प्रसव पीड़ा की सूचना मिली। प्रसव पीड़ा बढ़ने पर गर्भवती का प्रसव वाहन रोक कर सड़क किनारे कराना पड़ा।

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पहला मामला नाचनी का था। देर सायं नौ बजे नाचनी के धामीगांव से कमलेश कलौनी का 108 में अपनी आपात सेवा पर एक महिला के प्रसव पीड़ा में होने की सूचना आई। सूचना मिलते ही थल के गोचर से एंबुलेंस नाचनी को गई। जब गर्भवती को थल के गोचर अस्पताल में लाया जा रहा था तो गोचर से पांच किमी दूरी पर महिला की प्रसव पीड़ा बढ़ने लगी, जिसे देखते हुए ईएमटी अजय कुमार और पायलट विनोद कुमार ने एंबुलेंस रोक कर सड़क किनारे प्रसव का निर्णय लिया और रात्रि 9 बजकर 48 मिनट में महिला ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। बाद में जच्चा और बच्चा को थल गोचर अस्पताल लाकर भर्ती कराया गया।

दूसरा मामला तहसील बंगापानी का है। सोमवार सुबह छह बजे बंगापानी से 21 वर्षीय ज्योति के प्रसव पीड़ा की कॉल 108 आपात सेवा को मिली। सूचना मिलते ही मुनस्यारी से 108 चिकित्सा वाहन बंगापानी को चला और गर्भवती महिला को लेकर वापस मुनस्यारी आया। वाहन जब मदकोट में पुलिस चौकी के पास पहुंचा था तो गर्भवती की प्रसव पीड़ा बढ़ने लगी। जिसे देखते हुए एंबुलेंस कर्मी कपिल मेहरा व राजेंद्र सिंह ने एंबुलेंस में ही डिलीवरी का निर्णय लिया। सुबह सात बजकर 27 मिनट पर महिला ने स्वस्थ बालिका को जन्म दिया। दोनों को मुनस्यारी अस्पताल में भर्ती किया गया है। दोनों स्वस्थ हैं।

================ कोरोना संक्रमित को नहीं मिलेगी 108 चिकित्सा वाहन की सुविधा

पिथौरागढ़: चिकित्सा विभाग ने कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए अति आवश्यकीय 108 चिकित्सा वाहन का प्रयोग नहीं करने का निर्णय लिया है। मुख्य विकास अधिकारी वंदना ने इस आशय के निर्देश चिकित्सा विभाग को दिए हैं। निर्देशों के तहत अब चिकित्सा विभाग जिले में गंभीर रोगियों और डिलीवरी वाली महिलाओं के लिए 108 की सेवा उपलब्ध कराएगा। सीडीओ का कहना है कि यह निर्णय जच्चा और बच्चा को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से लिया गया है।


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