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Indo-Nepal Border : दोनों देशों के बीच वार्ता सफल, नेपाल प्रशासन ने दिया भरोसा, नहीं होने देंगे पथराव

Indo-Nepal Border भारत-नेपाल सीमा पर धारचूला में स्थिति शांतिपूर्ण है। बुधवार को भारत-नेपाल सीमा समन्वय समिति की बैठक हुई। रविवार को तटबंध निर्माण कार्य कर रहे मजदूरों पर नेपाल की ओर से कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव कर दिया था।

By Jagran NewsEdited By: Nirmala BohraPublished: Wed, 07 Dec 2022 08:22 AM (IST)Updated: Wed, 07 Dec 2022 08:22 AM (IST)
Indo-Nepal Border : दोनों देशों के बीच वार्ता सफल, नेपाल प्रशासन ने दिया भरोसा, नहीं होने देंगे पथराव
Indo-Nepal Border : डीएम रीना जोशी और नेपाल के दार्चुला जिले के डीएम दिर्घराज उपाध्याय के बीच बैठक होगी।

संवाद सूत्र, पिथौरागढ़: Indo-Nepal Border :  पिथौरागढ़ के धारचूला में काली नदी के तटबंध निर्माण के दौरान नेपाल की ओर से रविवार को हुए पथराव के बाद बिगड़े माहौल को सही करने के लिए बुधवार को जिले के धौलीगंगा जल विद्युत परियोजना के प्रशासनिक कार्यालय तपोवन में भारत-नेपाल सीमा समन्वय समिति की बैठक हुई।

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इस दौरान नेपाल ने भविष्य में पथराव और विरोध जैसे कृत्य नहीं होने देने का भरोसा दिलाया। पथराव करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की भी जानकारी दी। बैठक में तटबंध निर्माण कार्य दोनों देशों के आपसी सामंजस्य से पूरा होने के बाद काली नदी की चौड़ाई पूर्ववत रखने पर सहमति बनी।

पथराव करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई कर रहे

बैठक में नेपाल के दार्चुला जिले के जिलाधिकारी दिर्घराज उपाध्याय ने कहा कि पथराव करने वालों के विरुद्ध हम कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं। नेपाल प्रशासन इस मामले में बेहद गंभीर है। असामाजिक तत्वों के कारण दोनों देशों के मध्य मधुर रिश्ते को प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा।

उन्होंने भविष्य में इस तरह की गतिविध नहीं होने देने का भरोसा दिलाया। उन्होंने तटबंध निर्माण से नदी की चौड़ाई प्रभावित नहीं होने देने का मुद्दा उठाया। इसपर सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि तटबंध निर्माण पूरा होते ही नदी की चौड़ाई पूर्ववत कर दी जाएगी।

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पिथौरागढ़ की जिलाधिकारी रीना जोशी ने कहा कि काली नदी पर जनवरी 2022 से तटबंध निर्माण कार्य चल रहा है। उसी को आगे बढ़ाया जा रहा है। इससे नेपाल के सीमा क्षेत्र में यदि किसी तरह के नुकसान की आशंका है तो बताएं ताकि समस्या का समाधान किया जाए।

इसपर नेपाल के अधिकारियों ने काली नदी के बीच में जमा मलबे को हटाने की मांग करते हुए कहा कि इससे नदी चैनेलाइज होगी और मानसून के समय नेपाल के गांवों को नुकसान नहीं होगा।

इसपर रीना जोशी ने कहा कि दोनों देश अपने-अपने क्षेत्र में आपसी सामंजस्य बना कर कार्य करेंगे। कार्य पूरा होने पर दोनों देश नदी किनारे जमा मलबे को हटाएंगे। उन्होंने मानसून से पूर्व कार्य पूरा करने का निर्णय लिया। इस दौरान तय किया गया कि 10 दिन बाद फिर से समन्वय समिति की बैठक होगी।

तब निर्माण कार्य की निगरानी के लिए अभियंताओं की संयुक्त टीम गठित होगी। बैठक में तय हुआ कि सिंचाई विभाग अगले 10 दिनों तक काली नदी से मलबा हटाने का कार्य करेगा। डीएम रीना जोशी ने कहा कि नेपाल में घटगाड़ के सामने जमा मलबे को हटाने के लिए कहा है।


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