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बर्फबारी ने बढ़ाई मुसीबत, गांवों का सड़क से कटा संपर्क

गढ़वाल क्षेत्र में मौसम का मिजाज बदला-बदला रहा। ऊंचाई क्षेत्रों में जहां शनिवार से ही बर्फबारी का सिलसिला शुरू हो गया। वहीं निचले क्षेत्रों में बारिश हुई, जिससे मौसम बेहद ठंडा हो गया। वहीं सर्द हवा चलने के चलते लोग परेशान रहे और उन्होंने अलाव का सहारा लिया। वहीं बर्फबारी के चलते क्षेत्र की कई सड़कें भी बंद रही।

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Jan 2019 03:01 AM (IST)Updated: Mon, 14 Jan 2019 03:01 AM (IST)
बर्फबारी ने बढ़ाई मुसीबत, गांवों का सड़क से कटा संपर्क
बर्फबारी ने बढ़ाई मुसीबत, गांवों का सड़क से कटा संपर्क

जागरण टीम, गढ़वाल: गढ़वाल क्षेत्र में मौसम का मिजाज बदला-बदला रहा। ऊंचाई क्षेत्रों में जहां शनिवार से ही बर्फबारी का सिलसिला शुरू हो गया। वहीं निचले क्षेत्रों में बारिश हुई, जिससे मौसम बेहद ठंडा हो गया। वहीं सर्द हवा चलने के चलते लोग परेशान रहे और उन्होंने अलाव का सहारा लिया। वहीं बर्फबारी के चलते क्षेत्र की कई सड़कें भी बंद रही।

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उत्तरकाशी जिले में शनिवार शाम से गंगोत्री, यमुनोत्री में शुरू बर्फबारी रविवार सुबह तक जारी रही। वहीं निचले हिस्से में बारिश होती रही। उत्तरकाशी का अधिकतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान एक डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि, गंगोत्री, हर्षिल, मुखबा, केदारकांठा, हरकीदून, सरबडियार, सरनौल, दयारा बुग्याल, डोडीताल, धराली में जमकर बर्फबारी हुई। वहीं पर्यटकों ने भी बर्फबारी का आनंद लिया। बर्फबारी से जिले में गंगोत्री हाईवे सुक्की से आगे, हर्षिल-मुखबा मोटर मार्ग, फूलचट्टी से जानकीचट्टी, संकारी से जखोल मोटर मार्ग बंद हो गया है। वहीं नई टिहरी में रविवार सुबह हल्की बूंदाबांदी हुई। वहीं दिन में कुछ देर के लिए हल्की धूप निकली, लेकिन फिर बादल छा गए। सुबह झील के आसपास भी घना कोहरा छाया रहा। वहीं ठंड के चलते बाजार भी सुनसान रहे। लैंसडौन समेत निकटवर्ती क्षेत्रों में बारिश के बीच ओले भी गिरे। इसके चलते न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई।

चमोली जिले में शनिवार रात से बर्फबारी और बारिश से ठंड बढ़ गई है। जिले में ऊंचे क्षेत्रों के 20 से अधिक गांव बर्फ से ढके हैं। औली, बदरीनाथ और हेमकुंड सहित ऊंची पहाड़ियों पर बर्फबारी हुई है। रविवार सुबह से ही मौसम का मिजाज बदला रहा। दोपहर बाद धूप खिलने से लोगों ने राहत की सांस ली। औली में एक फीट के अधिक बर्फ जम गई है। जबकि, बदरीनाथ, हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी, चेनाप घाटी, खीरोंघाटी में जमकर बर्फबारी हुई। नंदादेवी, कामेट, नीलकंठ, सतोपंथ, बरमल, सप्तसृंग समेत उच्च हिमालयी चोटियां भी बर्फ से लकदक हो गई हैं। बर्फबारी के चलते जोशीमठ, घाट, दशोली, देवाल, गैरसैंण के 20 से अधिक गांव बर्फ से ढके हैं। इसके अलावा मंडल मुख्यालय पौड़ी व इससे दूर से सटे क्षेत्रों में रविवार को कड़ाके की सर्दी से जनजीवन प्रभावित रहा। सुबह कुछ देर हल्की बारिश हुई, दोपहर में हल्की धूप खिली, लेकिन शाम होते ही फिर से बादल छाने लगे।

30 से अधिक गांवों का कटा संपर्क

रुद्रप्रयाग: जिले में बर्फबारी ने 30 से अधिक गांवों की मुसीबत बढ़ा दी है, जिसके चलते इनका संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है। ग्रामीण जैसे-तैसे अपने घरों के आंगन और रास्तों से बर्फ हटा रहे हैं। जबकि, ऊखीमठ-चोपता-मंडल मोटर मार्ग का लगभग सात किमी क्षेत्र पूरी तरह बर्फ से ढ़क गया है। यहां वाहनों की आवाजाही पूरी तरह ठप पड़ गई है।

ऊखीमठ विकासखंड के ऊंचाई वाले गांवों, गौंडार, रांसी, मक्कू, सारी, जखोली विकास खंड के चिरबटिया, लुठियाग, बधाणीताल, सन समेत अगस्त्यमुनि विकास खंड के एक दर्जन गांवों में शनिवार से शुरू हुई बर्फबारी रविवार को भी पूरे दिन जारी रही। इन गांवों में आधा से लेकर एक फीट तक बर्फ जम गई है। इसके चलते लोग घरों में कैद हो गए हैं। बर्फ पर पाला जमने से सड़कें फिसलन भरी हो गई है। वहीं बर्फबारी के बावजूद बड़ी संख्या में पर्यटक चोपता पहुंच रहे हैं। पर्यटक सात किमी नीचे ही वाहन खड़े कर चोपता बुग्यालों में पड़ी बर्फ का आनंद लेने पहुंच रहे हैं।


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