जल संरक्षण कर बचाएं जीवन
संवाद सहयोगी कोटद्वार जल है तो कल है के संदेश को वर्तमान में अपनाने की जरूरत है। बिन
संवाद सहयोगी, कोटद्वार
'जल है तो कल है' के संदेश को वर्तमान में अपनाने की जरूरत है। बिना जल के जीवन असंभव है। यदि समय रहते जल संरक्षण की दिशा में प्रयास नहीं किए गए, तो भविष्य में विश्व को जल संकट की समस्या से जूझना होगा।
राजकीय इंटर कॉलेज कोटद्वार में सोमवार को आयोजित दैनिक जागरण संस्कारशाला में यह बात प्रधानाचार्य जगमोहन सिंह रावत ने कही। उन्होंने कहा कि देश ही नहीं, बल्कि विश्व में पेयजल किल्लत की समस्या सामने आ रही है। भविष्य में यह समस्या गंभीर हो जाएगी। अभिभावकों को चाहिए कि वह अपने पाल्यों को जल संरक्षण के प्रति जागरुक करें। कहा कि वर्तमान में आवश्यकता है कि समाज के सभी वर्ग जल संरक्षण की दिशा में सार्थक पहले करें। वहीं, शिक्षक कुलदीप सिंह मैंदोला ने छात्र-छात्राओं को दैनिक जागरण संस्कारशाला में प्रकाशित कहानी 'अच्छाई की समझ : बूंद-बूंद से बचे जल के बारे में जानकारी दी।
कहा कि मानव जीवन में जल का विशेष महत्व है। इसके संरक्षण के लिए सभी को मिलकर संयुक्त प्रयास करना चाहिए। अमनपाल, आकाश कुमार, आंचल, तानिया, जुनैद, हिमांशु व कनिका आदि छात्र-छात्राओं ने जल संरक्षण की दिशा में काम करने का संकल्प लिया। इस मौके पर शिक्षक दीपक नौटियाल, संतोष नेगी, चंद्रमोहन असवाल, सुधा, बबीता, आराधना व सुरुभि सचदेवा आदि मौजूद रहे।
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'दैनिक जागरण की यह पहल बेहद सराहनीय है। सभी को इस मुद्दे पर कार्य करने के लिए एकजुट होना चाहिए। वहीं, समाज को भी जल का महत्व समझने के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता है। जगमोहन सिंह रावत, प्रधानाचार्य राइंका कोटद्वार'