Kotdwar: गांव में बार-बार दिख रहा बाघ, वन विभाग मानने को नहीं तैयार; पिछले माह दो लोगों को बनाया था शिकार
Uttarkashi अब एक बार फिर ग्राम डल्ला में पिछले दो दिनों से ग्रामीणों को बाघ नजर आ रहा है। रिखणीखाल प्रखंड के अंतर्गत ग्राम डल्ला में बीती शाम एक बार फिर ग्रामीणों को बाघ नजर आया है। लेकिन वन महकमा यह मानने को तैयार नहीं।
जागरण संवाददाता, कोटद्वार: Uttarkashi: गढ़वाल वन प्रभाग की कार्यप्रणाली देख यूं लगता है, मानो विभाग को फिर किसी बड़ी घटना का इंतजार है। रिखणीखाल प्रखंड के अंतर्गत ग्राम डल्ला में बीती शाम एक बार फिर ग्रामीणों को बाघ नजर आया है। लेकिन वन महकमा यह मानने को तैयार नहीं कि गांव में बाघ नजर आ रहा है।
बीते माह दो बुजुर्गों बाघ ने बनाया था शिकार
बताना बेहद जरूरी है कि बीती 13 अप्रैल को ग्राम डल्ला में बाघ ने बुजुर्ग वीरेंद्र सिंह को निवाला बना दिया था। इस घटना के दो दिन बाद ही बाघ ने ग्राम डल्ला से करीब 35 किलोमीटर दूर नैनीडांडा प्रखंड के अंतर्गत ग्राम भैड़गांव (सिमली) में एक अन्य बुजुर्ग को निवाला बना दिया।
विद्यालयों में घोषित कर दिया था अवकाश
इन घटनाओं के बाद जिला प्रशासन के साथ ही कौन महकमा भी हरकत में आ गया। जिलाधिकारी ने जहां एक और बाघ प्रभावित क्षेत्र में तमाम विद्यालय में अवकाश घोषित कर दिया, वहीं राजस्व विभाग की टीमें गठित कर स्थिति पर नजर रखने के निर्देश दे दिए गए।
25 अप्रैल की शाम बाघ को ट्रेंकुलाइज कर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व भेजा
वन महकमे ने पूरे क्षेत्र में सघन गश्त शुरू कर दी। साथ ही बाघ को ट्रेंकुलाइज करने के लिए टीमों का गठन भी कर दिया। प्रयास रंग लाया और 25 अप्रैल की शाम महकमे ने ग्राम जूई में एक बाघ को ट्रेंकुलाइज कर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की ढेला रेंज में भेज दिया गया।
दो दिन से फिर दिख रहा बाघ
अब एक बार फिर ग्राम डल्ला में पिछले दो दिनों से ग्रामीणों को बाघ नजर आ रहा है। ग्रामीण सुरेंद्र सिंह ने बताया कि बाग उसी स्थान के आसपास दिख रहा है, जहां बीती 13 अप्रैल को बुजुर्गों को निवाला बनाया गया था। हालांकि, वन क्षेत्राधिकारी एमएस रावत ने गांव में बाकी मौजूदगी से स्पष्ट इनकार किया है। उनका कहना है कि क्षेत्र में लगातार वन विभाग की गश्त जारी है। गस्ती टीम को कहीं भाग नहीं दिखा है।