Move to Jagran APP

नेलिग तकनीक से होगा फरासू में भूस्खलन का उपचार

श्रीनगर से लगभग आठ किमी दूर फरासू के पास ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर पहाड़ी से भूस्खलन को रोकने के लिए लोक निर्माण विभाग एनएच डिवीजन नेलिग एंड शाटक्रीट तकनीक अपनाने की तैयारी कर रहा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 09 Sep 2020 10:34 PM (IST)Updated: Wed, 09 Sep 2020 10:34 PM (IST)
नेलिग तकनीक से होगा फरासू में भूस्खलन का उपचार
नेलिग तकनीक से होगा फरासू में भूस्खलन का उपचार

जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: श्रीनगर से लगभग आठ किमी दूर फरासू के पास ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर पहाड़ी से भूस्खलन को रोकने के लिए लोक निर्माण विभाग एनएच डिवीजन नेलिग एंड शाटक्रीट तकनीक अपनाने की तैयारी कर रहा है। साकनीधार में भी इसी तकनीक से भूस्खलन को रोकने में सफलता मिली है। केंद्रीय परिवहन मंत्रालय के अतिरिक्त महानिदेशक बालकृष्ण द्वारा फरासू भूस्खलन का मौके पर निरीक्षण भी किया गया। जिस पर उन्होंने भूस्खलन रोकने को लेकर किए जाने वाले उपचार के तकनीकी पहलुओं का परीक्षण कर सैद्धांतिक सहमति दी।

loksabha election banner

फरासू के पास नेशनल हाईवे पर लगभग 120 मीटर लंबाई क्षेत्र में बड़ा भूस्खलन जोन बना है। जिसमें लगभग 24 मीटर ऊंची पहाड़ी से जब-तब भारी भूस्खलन होता रहता है। श्रीनगर जलविद्युत परियोजना की झील से सटकर इस स्थान पर नेशनल हाईवे गुजर रहा है। लोनिवि एनएच डिवीजन के वरिष्ठ सहायक अभियंता राजीव शर्मा ने कई तकनीकी विशेषज्ञों की टीम के साथ इस भूस्खलन जोन का उपचार करने को लेकर वैज्ञानिक परीक्षण भी कराया। जिसके बाद नेलिग एंड शाटक्रीट तकनीक से इसके उपचार पर सहमति बनी। राजीव शर्मा की ही देखरेख में साकनीधार भूस्खलन का उपचार भी इसी तकनीक से हुआ है। फरासू के समीप नए बने इस भूस्खलन जोन के उपचार को लेकर नेशनल हाईवे से सटी श्रीनगर जलविद्युत परियोजना की झील में 15 मीटर गहराई तक आरसीसी के 35 पिलर भी सपोर्ट में लगाए जाएंगे। परिवहन मंत्रालय के अतिरिक्त महानिदेशक के निरीक्षण और सैद्धांतिक सहमति देने के उपरांत अब प्रबल संभावना है कि अतिशीघ्र ही इस भूस्खलन जोन के उपचार का कार्य शुरू हो जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.