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Tiger Terror: कोटद्वार के डल्ला में बीती रात फिर दिखे दो बाघ, लोगों ने घर में दुब‍क कर बचाई जान; दहशत

Tiger Terror रिखणीखाल प्रखंड के अंतर्गत ग्राम डल्ला में बीती रात ग्रामीणों को दो बाघ नजर आए। 25 अप्रैल की शाम विभाग ने ग्राम डल्ला से लगे ग्राम जूई में एक बाघ को ट्रेंकुलाइज कर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के अंतर्गत ढेला रेस्क्यू सेंटर में भेज दिया गया था।

By Jagran NewsEdited By: Nirmala BohraPublished: Sun, 28 May 2023 08:49 AM (IST)Updated: Sun, 28 May 2023 08:49 AM (IST)
Tiger Terror: कोटद्वार के डल्ला में बीती रात फिर दिखे दो बाघ, लोगों ने घर में दुब‍क कर बचाई जान; दहशत
रिखणीखाल प्रखंड के अंतर्गत ग्राम डल्ला में बीती रात ग्रामीणों को दो बाघ नजर आए।

जागरण संवाददाता, कोटद्वार: Tiger Terror: रिखणीखाल प्रखंड के अंतर्गत ग्राम डल्ला में बीती रात ग्रामीणों को दो बाघ नजर आए। ग्रामीणों ने शोर मचा कर बाघ को गांव से दूर करने का प्रयास किया। लेकिन, बाघ ग्रामीणों की ओर बढ़ा। ग्रामीणों ने घर में दुबक खुद की जान बचाई।

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बताते चलें कि बीती 13 अप्रैल को बाघ ने ग्राम डला में बुजुर्ग वीरेंद्र सिंह को निवाला बना दिया था। इस घटना के बाद वन विभाग ने गांव में करीब 12 दिन तक बाघ को ट्रेंकुलाइज कर पकड़ने का प्रयास किया। लेकिन, बाघ विभाग को चकमा देता रहा। गांव में लगातार दो बाघ नजर आ रहे थे। लेकिन, वन महकमा उन्हें नहीं पकड़ सका।

घर के आंगन में आ धमका बाघ

25 अप्रैल की शाम विभाग ने ग्राम डल्ला से लगे ग्राम जूई में एक बाघ को ट्रेंकुलाइज कर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के अंतर्गत ढेला रेस्क्यू सेंटर में भेज दिया गया। कुछ दिन की शांति के बाद करीब दो सप्ताह पूर्व एक बार फिर ग्राम डल्ला में बाघ नजर आया। लेकिन, वन महकमा यह मानने को तैयार न हुआ कि गांव में बाघ मौजूद है। विभाग का कहना है कि गांव में लगातार गुलदार की आवाजाही है।

इधर बीती रात दो बाघ गांव के करीब पहुंच गए। ग्रामीण राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि गांव वालों ने शोर मचा कर बाघ को भगाने का प्रयास किया। लेकिन दोनों बाघ दूर जाने के बजाय ग्रामीणों की तरफ आने लगे। जिसके बाद ग्रामीण घरों में कैद हो गए। बताया कि रात करीब दस बजे बाघ उनके आंगन में आ धमका। डीएफओ स्वप्निल अनिरुद्ध ने बताया कि मौके पर विभागीय टीम को भेज पूरी स्थिति की जानकारी ली जाएगी।

रानीखेत में गुलदार की धमक से लोगों में दहशत

वहीं कैंट से मुक्ति दिलाने की मांग को लेकर बेमियादी धरने के बीच रानीखेत विकास संघर्ष समिति के सदस्य तहसील मुख्यालय पहुंचे। उन्होंने वन क्षेत्रों से आबादी में डेरा जमा रहे गुलदारों का मुद्दा उठाया। संयुक्त मजिस्ट्रेट जयकिशन से आग्रह किया कि जनसुरक्षा के मद्देनजर कैंट बोर्ड से नगर क्षेत्र में जंगल बन चुकी झाड़ियों के कटान को कहा जाए ताकि मानव-वन्यजीव टकराव की आशंका न बढ़े। गांवों से लेकर नगरीय क्षेत्र तक गुलदारों की धमक से दहशत बढ़ने लगी है।

माहभर के भीतर नगर क्षेत्र में कई बार देर शाम में गुलदार की चहलकदमी दिखाई देने से लोग डरे-सहमे हैं। इसी सिलसिले में शनिवार को रानीखेत विकास संघर्ष समिति के सदस्य तहसील मुख्यालय में संयुक्त मजिस्ट्रेट जयकिशन से मिले। उन्होंने कहा कि नगर क्षेत्र के कुछ वार्डों में झाड़ियों का कटान नहीं होने से जंगल जैसे हालात बन गए हैं।

झाड़ियां गुलदारों के लिए मददगार बन रही हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि कैंट बोर्ड चाहे तो झाड़ियों का कटान करा सकता है। उन्होंने संयुक्त मजिस्ट्रेट से इस मामले में ठोस पहल का आग्रह किया। इस दौरान समिति संयोजक हेमंत सिंह मेहरा, किरन लाल साह, डीसी साह, मुकेश लाल साह, अनिल वर्मा, हरीश मैनाली, गिरीश भगत, खजान पांडे, दीपक साह आदि मौजूद रहे।


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