रस्म अदायगी बनकर रह गई कोरोना जांच
जागरण संवाददाता, कोटद्वार: कोटद्वार में सरकारी सिस्टम कोरोना को लेकर कितना सजग है, उत्तर प्रदेश-उत्त
जागरण संवाददाता, कोटद्वार: कोटद्वार में सरकारी सिस्टम कोरोना को लेकर कितना सजग है, उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड सीमा पर कोरोना जांच की गति को देखकर इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। शासन ने भले ही बाहरी राज्यों से आने वाले यात्रियों की जांच के निर्देश जारी किए हों। लेकिन, सीमा से सटे कोटद्वार की कौड़िया चेकपोस्ट पर इन आदेशों की जमकर धज्जियां उड़ रही हैं। आलम यह है कि बाहरी राज्यों से आने वाली किसी भी बस में चेकिग नहीं की जा रही है। खानापूर्ति के नाम पर छोटे वाहनों को रोक कर यात्रियों के कोरोना जांच के लिए सैंपल अवश्य लिए जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के जनपद बिजनौर की सीमा से लगा है उत्तराखंड के पौड़ी जिले का कोटद्वार शहर। कोटद्वार में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के साथ ही गुरुग्राम और चंडीगढ़ सहित अन्य राज्यों से यात्रियों को लेकर बसें पहुंचती हैं। कोटद्वार में प्रतिदिन दो हजार से अधिक यात्री बसों में सवार होकर कोटद्वार पहुंचते हैं। पूरे देश में कोरोना संक्रमण चरम पर है। ऐसे में इन बसों में कब कोरोना संक्रमित व्यक्ति सवार हो जाए, कहा नहीं जा सकता। चेकिग की बात करें तो कौड़िया चेकपोस्ट पर स्वास्थ्य महकमे की ओर से मात्र एक टीम की तैनाती की गई है। ऐसे में यात्रियों की किस तरह सैंपलिग होगी, इसका अंदाजा स्वयं लगाया जा सकता है। हालात यह है कि टीम में तैनात कर्मी बाहरी राज्यों से आने वाले इक्का-दुक्का निजी वाहनों को रोक उनमें सवार यात्रियों की सैंपलिग कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर देते हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज शर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीमें बड़े वाहनों में रैंडम सैंपलिंग कर रही है।