दिल्ली दंगे में क्षेत्र के युवक की मौत पर बाजार रहे बंद
संवाद सहयोगी पौड़ी दिल्ली दंगे में हुई क्षेत्र के युवक की मौत पर पैठाणी व चाकीसैंण बाजार
संवाद सहयोगी, पौड़ी : दिल्ली दंगे में हुई क्षेत्र के युवक की मौत पर पैठाणी व चाकीसैंण बाजार बंद रहे। इस दौरान व्यापारियों ने मौन जुलूस निकालकर शोक सभा आयोजित की। व्यापारियों ने केंद्र व दिल्ली सरकार से मृतक के परिजनों को मुआवजा व परिवार के एक सदस्य को नौकरी दिए जाने की मांग भी की है।
दिल्ली दंगे में बीते 24 फरवरी को पैठाणी थाना क्षेत्र के रोखड़ा गांव निवासी दिलबर सिंह की मौत हो गई थी। घटना की सूचना दिल्ली में दिलबर के साथ रह रहे उसके दोस्त श्याम सिंह ने फोन पर ग्रामीणों को दी थी। श्याम सिंह ने बताया था कि दंगाइयों ने दिलबर पर अचानक उस समय हमला कर दिया था जब वह गोदाम में सो रहा था। दिलबर पिछले डेढ़ वर्ष से शहादरा में रह रहा था। यहां वह एक निजी व्यावसायिक प्रतिष्ठान में कार्य कर रहा था। दंगे में युवक की मौत पर क्षेत्र में शोक की लहर है। शनिवार को पैठाणी व चाकीसैंण के व्यापारियों ने बाजार बंद रख मौन जलूस निकाला। इस दौरान आयोजित शोक सभा में व्यापारियों ने मृतक की आत्मा की शांति क लिए प्रार्थना भी की। व्यापारियों ने केंद्र व दिल्ली सरकार से मृतक युवक के परिजनों को मुआवजा व परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी दिए जाने की मांग भी की। शोक सभा में पैठाणी व्यापार सभा अध्यक्ष मनबर सिंह, चाकीसैंण व्यापार सभा अध्यक्ष शेखर सिंह नेगी, मुरारी नौडियाल, दौलतराम पोखरियाल, मनवर चौहान, शेखर नेगी, भरत गुंसाई, महावीर नेगी, गोविद, प्रेम सिंह, मनोज गौड़, बलबीर भंडारी आदि मौजूद थे।
जनप्रतिनिधियों के न आने पर ग्रामीणों में रोष
पौड़ी : दिल्ली दंगे में क्षेत्र के युवक की मौत पर आयोजित शोक सभा में किसी जनप्रतिनिधि के न पहुंचने पर ग्रामीणों ने कड़ा आक्रोश जताया। वहीं दूसरी ओर पुलिस प्रशासन की ओर से एएसपी प्रदीप राय, सीओ वंदना वर्मा रोखड़ा गांव पहुंचे। वंदना वर्मा ने बताया कि पुलिस ने परिजनों को हर संभव सहयोग के लिए कहा है। कहा कि यदि मृतक के परिजनों को दिल्ली में भी कोई सहयोग चाहिए होगा तो उनका सहयोग किया जाएगा। पौड़ी कोतवाल लक्ष्मण सिंह कठैत लगातार परिजनों के संपर्क में हैं। ग्राम प्रधान प्रेम सिंह नेगी ने कहा कि एक गरीब परिवार में 20 वर्षीय युवक की मौत पर क्षेत्र के जनप्रतिनिधि इस दुख की घड़ी में सांत्वना देने नहीं पहुंचे।