Move to Jagran APP

कॉरपोरेट ऑफिस से कम नहीं ब्लॉक मुख्यालय की बिल्डिंग, देखकर हो जाएंगे हैरान

पौड़ी जिले में सतपुली के कल्जीखाल ब्लॉक मुख्यालय का नवनिर्मित भवन देख आप हैरान रह जाएंगे। ये भवन किसी कॉरपोरेट ऑफिस से कम नहीं है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Mon, 22 Jan 2018 06:06 PM (IST)Updated: Tue, 23 Jan 2018 04:00 AM (IST)
कॉरपोरेट ऑफिस से कम नहीं ब्लॉक मुख्यालय की बिल्डिंग, देखकर हो जाएंगे हैरान
कॉरपोरेट ऑफिस से कम नहीं ब्लॉक मुख्यालय की बिल्डिंग, देखकर हो जाएंगे हैरान

सतपुली, [गणेश काला]: चौंक गए ना। यह बेंगलुरु स्थित विप्रो अथवा इन्फोसिस का कॉरपोरेट दफ्तर नहीं है। यह है उत्तराखंड के सुदूर पर्वतीय अंचल में पौड़ी जिले के कल्जीखाल ब्लॉक का नवनिर्मित ब्लॉक मुख्यालय (मिनी सचिवालय) भवन, जो अस्थायी राजधानी देहरादून में बनी मल्टीप्लेक्स बिल्डिंगों को भी मात दे रहा है। साढ़े पांच करोड़ की लागत से निर्मित 500 सीटर ऑडिटोरियम वाले इस मिनी सचिवालय में वह तमाम सुविधाएं मौजूद हैं, जो महानगर के किसी कॉरपोरेट दफ्तर में होती हैं। खास बात यह कि ब्लॉक मुख्यालय को सीधे हेलीकॉप्टर सेवा से भी जोड़ा जा रहा है। इसके लिए इन दिनों पास ही में हेलीपैड का निर्माण चल रहा है। 

loksabha election banner

ब्लॉक मुख्यालय कल्जीखाल में बाजार से करीब दो किमी दूर जिला मुख्यालय पौड़ी को जोड़ने वाले मार्ग पर सुंदर प्राकृतिक वातावरण में बना यह नया भवन उधर से गुरजने वाले हर शख्स का ध्यान अपनी ओर खींच लेता है। मुख्य सड़क पर किसी कॉरपोरेट कंपनी के प्रवेश द्वार जैसा गेट और बड़े मैदान में खड़ी इस तीन मंजिला इमारत के अंदर आरसीसी और बाहर प्री-फेब्रिकेशन का कार्य इस सुदूर क्षेत्र में भी महानगरीय अहसास कराता है। हाल ही तैयार इस मिनी सचिवालय में पंचायत प्रतिनिधि भी कॉरपोरेट स्टाइल में ही अपने गांव एवं क्षेत्र के विकास का खाका खींच रहे हैं।   

प्रमुख क्षेत्र पंचायत कल्जीखाल महेंद्र सिंह राणा बताते हैं कि राज्य बनने के बाद गांवों की अवधारणा भी बदली है। गांवों में रह रहे और महानगरों में बसे प्रवासी अपने गांवों में भवन निर्माण की इस नई तकनीकी का उपयोग करें, इसीलिए ब्लाक मुख्यालय भवन का विशेष डिजाइन तैयार किया गया। यह गांवों की पुन: बसागत के साथ पहाड़ में पर्यटन की संभावना के लिए भी मॉडल साबित होगा। 

यह हैं सुविधाएं 

-ब्लॉक प्रमुख व खंड विकास अधिकारी के लिए सुविधा-संपन्न हाइटेक कार्यालय। 

-ब्लॉक से संबंधित विभागों के लिए अलग-अलग सभागार। 

-सुदूरवर्ती क्षेत्रों से आने वाले पंचायत प्रतिनिधियों से लेकर कर्मचारियों और आगंतुकों के लिए कैंटीन की सुविधा। -भवन के अंदर और बाहर वाहन पार्किंग की सुविधा। 

-अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए आवासीय सुविधा। 

जिलाधिकारी सुशील कुमार ने बताया कि यह इमारत पहाड़ के विकास की नई अवधारणा को प्रदर्शित करती है। इसका यह भी संदेश है कि अगर हम विकास की सोच के साथ कार्य करें तो पहाड़ की दुरूह परिस्थितियां भी हमारी राह में बाधा नहीं बन सकती। पलायन की मार से सर्वाधिक प्रभावित पौड़ी गढ़वाल जिले में विकास की बुनियाद इसी अंदाज में रखनी होगी।

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड के पौड़ी जिले का बलूनी गांव भी बना घोस्ट विलेज

यह भी पढ़ें: आइआइपी के छह बागान लीज पर लेगा उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.