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सूतक समाप्त होने के बाद मंदिरों में किया गया शुद्धिकरण

सूर्यग्रहण समाप्त होने के बाद घरों व मंदिरों में लोगों ने शुद्धिकरण कर पूजा-अर्चना की।

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Jun 2020 10:28 PM (IST)Updated: Mon, 22 Jun 2020 06:15 AM (IST)
सूतक समाप्त होने के बाद मंदिरों में किया गया शुद्धिकरण
सूतक समाप्त होने के बाद मंदिरों में किया गया शुद्धिकरण

जागरण टीम गढ़वाल : सूर्यग्रहण समाप्त होने के बाद घरों व मंदिरों में लोगों ने शुद्धिकरण कर पूजा-अर्चना की। शनिवार को रात्रि साढ़े नौ बजे सूर्यग्रहण का सूतक प्रारंभ होने से पूर्व मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए थे। लोगों ने रविवार को एक्स-रे व पानी से भरे बर्तन में सूरज की परछाई देखकर सूर्यग्रहण देखा। दिनभर लोगों में ग्रहण को लेकर जिज्ञासा बनी रही। दोपहर बाद ग्रहण समाप्त हुआ। धार्मिक मान्यता के अनुसार इसके बाद ही ज्यादातर लोगों ने भोजन बनाया और अन्य काम निपटाए।

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कोटद्वार : कोटद्वार व आसपास के क्षेत्र में सूर्यग्रहण के दौरान हल्का अंधेरा छाया रहा। लोगों ने घरों की छत से सोलर चश्मे व एक्सरे की मदद से सूर्यग्रहण का नजारा देखा। कई लोगों ने सूर्यग्रहण की तस्वीरें अपने मोबाइल व कैमरे में भी कैद की। वहीं, ग्रहण समाप्त होने के बाद मंदिरों के कपाट खोलकर शुद्धिकरण किया गया। धार्मिक मान्यताओं को देखते हुए लोगों ने सूर्यग्रहण के दौरान खाना नहीं खाया, कई लोगों ने अपने घर पर ही तुलसी की माला से मंत्रोच्चारण किया। दोपहर दो बजे जब ग्रहण काल खत्म होने के बाद लोगों ने अपने घरों में साफ सफाई की और उसके बाद दोपहर का खाना बनाया। वहीं, सूर्यग्रहण से पूर्व शनिवार शाम सूतन लगने से पहले क्षेत्र के सभी मंदिरों के पट बंद कर दिए गए थे। सूर्यग्रहण समाप्त होने के बाद मंदिरों में पूजा अर्चना कर शुद्धकर किया गया। साथ ही सूर्यग्रहण के दौरान बाजारों में भी सन्नाटा छाया रहा।

कर्णप्रयाग : वर्ष के सबसे बडे़ सूर्यग्रहण के बाद अलकनंदा व पिंडरसंगम पर लोगों ने डुबकी लगाकर मंदिरों में ग्रहणकाल के बाद मूर्तियों के शुद्धिकरण उपरांत पूजा में भाग लिया। नगर क्षेत्र कर्णप्रयाग के उमा देवी मंदिर, कर्ण-कृष्ण, राम मंदिर, संगम शिवालय, गंगामाई मंदिर में सूर्यगृहण के उपश्चात गंगाजल से शुद्धिकरण कर पंडितों ने पूजा की। इसी तरह क्षेत्र के सिमली चंडिका देवी मंदिर, नौटी नंदादेवी मंदिर, जलेश्वर महादेव मंदिर में भी पूजा-विधान संपन्न हुआ। इससे पूर्व सूर्यग्रहण देखने लिए क्षेत्र में नौनिहालों में उत्साह रहा और अधिकांश लोगों ने एक्स-रे फिल्म के माध्यम से सूर्य ग्रहण का नजारा देखा, इस दौरान पूर्ण सूर्यग्रहण के दौरान सूरज की कम रोशनी को देखने के लिए लोगों में कौतुहल बना रहा। इसी तरह गैरसैंण, गौचर, थराली, ग्वालदम आदि स्थानों पर भी लोगों ने सूर्यग्रहण को टेलीविजन व विशेष उपकरणों के माध्यम से देखा।

श्रीनगर गढ़वाल : रविवार को श्रीनगर में सूर्यग्रहण का नजारा देखने के लिए लोगों में उत्साह नजर आया। ग्रहण के दौरान दोपहर लगभग 11:54 बजे से लेकर 12 बजे तक सूर्य की तेज धूप मंद पड़ गयी। जिसे देख लोग आश्चर्यचकित भी हुए।

सूर्यग्रहण के चलते बाजार में चहल पहल काफी कम देखी गयी। सूर्यग्रहण समाप्त होने तक बाजार की सड़कें सूनी रहीं। स्टूडेंट साइंस फोरम के संयोजक अंकित बुटोला और रेशमा पंवार की ओर से जैन मंदिर के निकट अलकनंदा बिहार पार्क में रोमांचक खगोलीय घटना के कारणों से भी स्कूली छात्र-छात्राओं को रूबरू कराया गया। बीएचयू आइआइटी के शोध छात्र वैभव चौहान द्वारा सूर्यग्रहण की घटना के बारे में विस्तार से बताया गया। कुलदीप मेवाड़, डॉ. मुकेश सेमवाल, वैभव चौहान के साथ ही रंजना बड़थ्वाल, रेशमा पंवार, नूर मोहम्मद, फिरोज, नूर अमन, रेहान, सोहन, राहुल आदि ने भी इस कार्यक्रम में सहभागिता की। गढ़वाल केंद्रीय विवि राष्ट्रीय सेवा योजना की वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ. ममता आर्य ने सूर्यग्रहण के वैज्ञानिक कारणों के बारे में एनएसएस स्वयंसेवियों को जानकारियां दीं। डॉ. ममता ने कहा कि सूर्यग्रहण जैसी खगोलीय घटना को कभी भी किसी भी स्थिति में बिना सन फिल्टर नहीं देखना चाहिए।

राजकीय बालिका इंटर कॉलेज की एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डा. सरिता उनियाल ने विद्यालय की एनएसएस स्वयंसेवी छात्राओं को सूर्यग्रहण जैसे विशिष्ट खगोलीय घटना के वैज्ञानिक कारणों के बारे में बताने के साथ ही फिल्टर के माध्यम से उन्हें सूर्यग्रहण भी दिखाया। काजल, वर्षा, दिलाशा स्वयंसेवी छात्राओं के साथ ही भारती जोशी ने भी इस कार्यक्रम आयोजन में सहयोग किया।


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