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विकल्प भरोसे तहसील, सिस्टम का मरहम

संवाद सहयोगी, कोटद्वार: पौड़ी जिले की सबसे बड़ी कोटद्वार तहसील विकल्प भरोसे चल रही है। तहसीलदार छवाण ¨

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Jun 2018 05:31 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jun 2018 05:31 PM (IST)
विकल्प भरोसे तहसील, सिस्टम का मरहम
विकल्प भरोसे तहसील, सिस्टम का मरहम

संवाद सहयोगी, कोटद्वार: पौड़ी जिले की सबसे बड़ी कोटद्वार तहसील विकल्प भरोसे चल रही है। तहसीलदार छवाण ¨सह के सेवानिवृत्त होने के बाद से खाली चल रहे पद पर अब तक नियमित नियुक्ति नहीं की गई है। सिस्टम ने श्रीनगर के तहसीलदार को सप्ताह में तीन दिन कोटद्वार तहसील में कार्यभार दिया है।

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कोटद्वार तहसील में प्रतिदिन 300 से अधिक लोग जाति प्रमाण पत्र, जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने सहित जमीन से संबंधित अन्य कार्यो के निस्तारण को पहुंचते हैं, लेकिन पिछले एक माह से तहसील में तहसीलदार नहीं होने से लोगों का काम अधर में लटका हुआ है। कई बार शिकायत करने पर जिलाधिकारी ने श्रीनगर के तहसीलदार सुनील राज को सप्ताह में तीन दिन सोमवार से बुधवार तक कोटद्वार तहसील का कार्यभार दिया है। हालांकि, जिस तरह तहसील में फरियादियों की भीड़ रहती है। उसे देखकर नहीं लगता कि केवल तीन दिन तहसीलदार के रहने से समस्या का निराकरण हो पाएगा। स्थानीय निवासी मोहन कुमार और अनुज ¨सह का कहना है कि वर्तमान में शासन की ओर से वन विभाग की भर्तियां निकाली गई है। इसके लिए युवा जाति प्रमाण पत्र सहित कई महत्वपूर्ण कार्रवाई को पूरा कर रहे हैं। तहसीलदार के केवल तीन दिन तहसील में बैठने से परेशानी हो सकती है।


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