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नाबालिग से छेड़छाड़ में शिक्षक को तीन साल का सश्रम कारावास, अर्थदंड भी

अदालत ने नाबालिग छात्रा से छेड़छाड के आरोपित शिक्षक को दोषी पाते हुए तीन साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 11 Jan 2020 04:14 PM (IST)Updated: Sat, 11 Jan 2020 04:14 PM (IST)
नाबालिग से छेड़छाड़ में शिक्षक को तीन साल का सश्रम कारावास, अर्थदंड भी
नाबालिग से छेड़छाड़ में शिक्षक को तीन साल का सश्रम कारावास, अर्थदंड भी

पौड़ी, जेएनएन। जिला जज और विशेष सत्र न्यायाधीश की अदालत ने नाबालिग छात्रा से छेड़छाड के आरोपित शिक्षक को दोषी पाते हुए तीन साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा 25 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड जमा न करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। 

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अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे जिला शासकीय अधिवक्ता अवनीश नेगी ने बताया कि 31 जुलाई 2017 को पाबौ विकासखंड के एक विद्यालय की नाबालिग छात्रा ने उप जिलाधिकारी को एक तहरीर दी, जिसमें उसने क्षेत्र के एक विद्यालय के शिक्षक पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि शिक्षक लंबे समय से ऐसी हरकत कर रहा है। 

आरोप था कि शिक्षक नाबालिग को मोबाइल से भी अश्लील मैसेज भेजता था, लेकिन लोकलाज के चलते वह कुछ दिनों तक चुप रही। बाद में उसने शिक्षक की इस हरकत के बारे में अपनी मां और विद्यालय के प्रधानाचार्य को अवगत कराया। इस मामले में एक अगस्त 2017 को राजस्व उप निरीक्षक बाली कंडारस्यूं-एक में आरोपित शिक्षक के खिलाफ पोक्सो सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। 

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जिला जज और विशेष सत्र न्यायाधीश सिकंद कुमार त्यागी की अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस और साक्ष्यों के अवलोकन के बाद शिक्षक को नाबालिग से छेड़छाड़ और अश्लील हरकतें करने के मामले में दोषी पाया। न्यायालय ने अभियुक्त राकेश कुमार पंत को तीन साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से सात गवाह पेश किए गए। 

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