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सीकू गांव में चाय की खेती से खिलेंगी रोजगार की राहें

विकासखंड पाबौ में सीकू गांव के ग्रामीण चाय की खेती से अपनी आर्थिकी मजबूत करेंगे। टी-बोर्ड विकासखंड प्रशासन के सहयोग से ग्रामीणों ने यहां चार हेक्टेयर बंजर भूमि पर चाय की खेती शुरू की है। ग्रामीणों ने चाय की 60 हजार पौध लगाई है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 10 Jun 2020 03:00 AM (IST)Updated: Wed, 10 Jun 2020 06:21 AM (IST)
सीकू गांव में चाय की खेती से खिलेंगी रोजगार की राहें
सीकू गांव में चाय की खेती से खिलेंगी रोजगार की राहें

संवाद सहयोगी, पौड़ी: विकासखंड पाबौ में सीकू गांव के ग्रामीण चाय की खेती से अपनी आर्थिकी मजबूत करेंगे। टी-बोर्ड विकासखंड प्रशासन के सहयोग से ग्रामीणों ने यहां चार हेक्टेयर बंजर भूमि पर चाय की खेती शुरू की है। ग्रामीणों ने चाय की 60 हजार पौध लगाई है। खंड विकास अधिकारी का कहना है कि सीकू गांव को चाय की घाटी के रूप में विकसित किए जाने पर तेजी से कार्य किया जा रहा है।

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विकास खंड पाबौ के सीकू गांव में 112 परिवारों की 20 हेक्टेयर बंजर भूमि पर चाय की खेती करने की योजना बनाई है। योजना के तहत टी-बोर्ड के सहयोग से ग्रामीणों ने पहले चाय की नर्सरी तैयार की। जिसमें एक लाख पौध तैयार की गई हैं। टी-बोर्ड के सुपरवाइजर कमल नेगी ने बताया कि बोर्ड गांव की बंजर भूमि में चाय का बगीचा तैयार करने जा रहा है। जिसमें ग्रामीण पूरे उत्साह के साथ सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को बगीचे से तीन साल में उत्पादन मिलना शुरू हो जाएगा। जो शुरुआत में स्वरोजगार के रूप में ग्रामीणों की आर्थिकी को मजबूती देगा।

पूर्व ग्राम प्रधान सीकू राकेश कुमार ने बताया कि टी-बोर्ड की इस पहल से 112 परिवार जुड़े हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि चाय का यह बगीचा गांव की आर्थिकी को मजबूती प्रदान करेगा। खंड विकास अधिकारी पाबौ प्रवीण भट्ट ने बताया कि डीडीओ पौड़ी के निर्देशन में बंजर भूमि में चाय का बगीचा तैयार किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। गांव में जल्द ही चार हेक्टेयर भूमि में चाय की पौध रोपी जाएंगी। भट्ट ने कहा कि गांव में जल्द ही टी-बोर्ड की ओर से प्रोसेसिग प्लांट भी लगाया जाएगा। रोजगार से जुड़े 36 परिवार

सीकू गांव में विकसित किए जा रहे चाय के बगीचे में 36 परिवार रोजगार से जुड़ गए हैं। इनमें हर परिवार के एक व्यक्ति को बगीचे की देखरेख का जिम्मा दिया गया है। जिन्हें 100 दिन का रोजगार मनरेगा और 200 दिन का रोजगार टी-बोर्ड देगा।


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