रविवार को भी खुले विवि पुस्तकालय : आइसा
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल : गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के बिड़ला परिसर स्थित केंद्रीय प
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल :
गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के बिड़ला परिसर स्थित केंद्रीय पुस्तकालय और चौरास परिसर के पुस्तकालय को रविवार के दिन भी छात्रों के लिए खुला रखा जाना चाहिए। केंद्रीय पुस्तकालय में सीबीसीएस पाठ्यक्रम की बोरों में बंद पड़ी किताबों को छात्रों को शीघ्र उपलब्ध करवाया जाए। साथ ही शोध छात्रों के लिए संदर्भ किताबों की उपलब्धता के साथ ही विवि में शोध का माहौल भी बनाया जाए। गढ़वाल केंद्रीय विवि छात्रसंघ के नवनिर्वाचित उपाध्यक्ष अंकित उछोली ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत में आइसा की ओर से यह मुद्दे उठाते हुए कहा कि छात्र संगठन आइसा इन मुद्दों के साथ ही छात्र हितों को लेकर अपने संघर्षो को भी और तेज करेगा। उन्होंने कहा कि छात्रसंघ का उपयोग किसी भी तरह की ठेकेदारी या अवैध वसूली जैसे कामों के लिए किए जाने का भी पुरजोर विरोध किया जाएगा। छात्रसंघ छात्र हितों का मंच है।
पत्रकारों से बातचीत में आइसा श्रीनगर की अध्यक्ष और विवि छात्रसंघ में पूर्व छात्रा प्रतिनिधि शिवानी पांडे ने छात्र हितों को लेकर आइसा की ओर से किए जाने वाले कार्यक्रमों और संघर्षो के बारे में विस्तार से बताया। छात्रसंघ उपाध्यक्ष अंकित उछोली और शिवानी पांडे ने कहा कि प्राध्यापकों के स्थान पर उनके शोध छात्रों का कक्षा में पढ़ाए जाने का डटकर विरोध किया जाएगा। विवि को पिछले कई सालों से शिक्षकों के रिक्त पदों पर शीघ्र स्थायी नियुक्तियां करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गढ़वाल विवि प्रशासन को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि हर प्राध्यापक अपने लिए निर्धारित कक्षाएं अवश्य पढ़ाएं। अंकित उछोली ने कहा कि छात्रसंघ में रहते हुए प्राथमिकता से प्रयास किया जाएगा कि छात्राओं के साथ होने वाले किसी भी तरह के भेदभाव को समाप्त किया जाए। छात्रावासों में छात्राओं की गतिविधियों पर लगायी जाने वाली बंदिशों को भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आइसा श्रीनगर अध्यक्ष शिवानी पांडे ने कहा समस्या का निस्तारण नहीं होने पर आइसा आंदोलन के लिए बाध्य होगी। डिग्री, प्रोविजनल डिग्री, माइग्रेशन के आवेदन की आनलाइन व्यवस्था भी शुरू होनी चाहिए। कपूर ¨सह, सुमित ¨रगवाल, ज्योति पटवाल, राधिका नेगी, कविता खत्री, अजय शाह, दर्शन, पंकज भी पत्रकार वार्ता में मौजूद थे।