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एनआइटी जयपुर पहुंचे श्रीनगर के 10 छात्र

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान उत्तराखंड श्रीनगर के बीटेक प्रथम, द्वितीय और तृतीय वर्ष के छात्र अब एनआइटी जयपुर में ही पढ़ाई कर डिग्री पूरी करेंगे। जिसके लिए इन छात्रों को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को अपना विकल्प लिखित में देकर एनआइटी जयपुर में पढ़ने की स्वीकृति लेनी है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Dec 2018 07:13 PM (IST)Updated: Sun, 09 Dec 2018 07:13 PM (IST)
एनआइटी जयपुर पहुंचे श्रीनगर के 10 छात्र
एनआइटी जयपुर पहुंचे श्रीनगर के 10 छात्र

जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान उत्तराखंड श्रीनगर के बीटेक प्रथम, द्वितीय और तृतीय वर्ष के छात्र अब एनआइटी जयपुर में ही पढ़ाई कर डिग्री पूरी करेंगे। जिसके लिए इन छात्रों को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को अपना विकल्प लिखित में देकर एनआइटी जयपुर में पढ़ने की स्वीकृति लेनी है। जानकारी के अनुसार अब तक लगभग 10 छात्र विकल्प देकर जयपुर पहुंच चुके हैं। रविवार को एनआइटी श्रीनगर के 11 कर्मचारी भी जयपुर के लिए निकल गए, जो वहां जाकर छात्रों की व्यवस्थाओं को व्यवस्थित कराएंगे। एनआइटी श्रीनगर के प्रशासन की माने तो यहां की फैकल्टी भी जयपुर जाकर पढ़ाएंगी और जरूरत पड़ने पर एनआइटी जयपुर की फैकल्टियों का भी सहयोग लिया जाएगा।

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एनआइटी श्रीनगर के बीटेक प्रथम, द्वितीय और तृतीय वर्ष के छात्र-छात्राओं को एनआइटी जयपुर स्थानांतरित करने के बाद भी अब तक एनआइटी श्रीनगर के छात्रों ने अपना आंदोलन समाप्त नहीं किया है। एनआइटी श्रीनगर के अस्थायी परिसर को यहां से हटाने की मांग को लेकर छात्र बीते चार अक्टूबर से आंदोलित हैं।

छात्रावास का अनुबंध भी समाप्त

एनआइटी श्रीनगर के छात्रों को बेहतर छात्रावास की सुविधा देने के लिए एनआइटी प्रशासन की ओर से डेढ़ साल पहले श्रीकोट गंगानाली में तीन और एजेंसी मोहल्ला स्थित एक होटल को छात्रावास के लिए किराये पर लिया गया था। इन छात्रावासों से संस्थान आने-जाने के लिए एनआइटी प्रशासन की ओर से छात्रों को बस सेवा भी उपलब्ध कराई गई थी। अब जब एनआइटी के छात्र श्रीनगर से जयपुर शिफ्ट हो गए हैं तो एनआइटी प्रशासन ने छात्रावासों के लिए होटलों के साथ किया गया अनुबंध भी समाप्त कर दिया है। एनआइटी श्रीनगर के कुलसचिव ने इस संबंध में होटल स्वामियों को नोटिस देकर कहा है कि आगामी 31 दिसंबर के बाद अनुबंध समाप्त कर दिया जाएगा। इसके लिए वह संस्थान आकर संबंधित औपचारिकताएं भी पूरी कर लें। इस सूचना से होटल स्वामी भी परेशान हैं, क्योंकि उन्होंने होटल के कमरों को छात्रावास का रूप देने के लिए काफी धनराशि खर्च कर उसमें परिवर्तन किया था।


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