कर्मचारियों को दस साल से पदोन्नति का इंतजार
गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर के कर्मचारियों को पिछले दस साल से परेशान कर्मचारियों ने पदोन्नति की मांग की है।
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर के कर्मचारियों को पिछले दस साल से पदोन्नति का इंतजार है। पदोन्नति के विभिन्न पद रिक्त होने के बावजूद पदोन्नतियां नहीं हुईं। 2009 में केंद्रीय विश्वविद्यालय बनने के बाद कर्मचारियों की पदोन्नति और नियुक्तियों को लेकर कैडर रिक्रूटमेंट रूल्स का होना भी जरूरी होता है।
मंगलवार को गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह भंडारी और महासचिव रविद्र सिंह सिलवाल, उपाध्यक्ष पुष्कर सिंह चौहान ने वार्ता में कुलसचिव प्रो. एनएस पंवार से कहा कि कभी रेशनलाइजेशन, कभी सीआरआर तो कभी वरिष्ठता सूची के नाम पर कर्मचारियों को पदोन्नति से वंचित रखा जाता रहा। कर्मचारी नेताओं ने चेतावनी दी कि पदोन्नति देने के साथ ही कर्मचारियों से सम्बन्धित लंबित अन्य मांगों पर यदि 30 जून तक विवि प्रशासन ने सकारात्मक कार्यवाही नहीं की तो एक जुलाई से विवि कर्मचारियों को आंदोलन के लिए भी मजबूर होंगे।
उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को पदोन्नतियां देने को लेकर एक सप्ताह के अंदर डीपीसी करायी जाए। बीते 22 मार्च को भी देहरादून में डीपीसी को लेकर बैठक प्रस्तावित थी,लेकिन लॉकडाउन लागू हो जाने के कारण वह बैठक स्थगित हो गयी। विवि कर्मचारी नेताओं ने कुलसचिव से कहा कि 1900 ग्रेड पे पर निरंतर दस सालों तक सेवा प्रदान कर चुके कर्मचारियों को उत्तराखंड सरकार के कर्मचारियों की भांति 2400 का ग्रेड पे भी तुरंत दिया जाए। यह मांग भी कई सालों से लंबित पड़ी है। जो तदर्थ वेतनभोगी कर्मचारी पिछले 15-20 साल से विवि में कार्यरत हैं उन्हें रिक्त पदों पर अविलंब समायोजित किया जाए। मृतक आश्रित कोटे में आश्रितों को नियमित नियुक्तियां भी शीघ्र दी जाएं। इस मौके पर विवि कर्मचारी यूनियन के पूर्व अध्यक्ष नरेश खंडूड़ी, पूर्व महासचिव सतीश थपलियाल, अमर सिंह निजवाला आदि शामिल रहे।