28 विषयों में 32 विशेषज्ञों ने दिया प्रशिक्षण
गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट इनोवेशन सेल (आइआइसी) के तत्वावधान में आयोजित आठ सप्ताह का ग्रीष्मकालीन आनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम सोमवार को संपन्न हो गया।
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट इनोवेशन सेल (आइआइसी) के तत्वावधान में आयोजित आठ सप्ताह का ग्रीष्मकालीन आनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम सोमवार को संपन्न हो गया। जिसमें देश के 17 राज्यों के विश्वविद्यालयों और कालेज के 201 प्रतिभागी आनलाइन जुड़े रहे। 28 विषयों में 32 विशेषज्ञों ने प्रशिक्षण दिया। जिसमें 26 व्याख्यान देश-विदेश के प्रख्यात विशेषज्ञों ने दिए। प्रतिभागी छात्रों ने ने इस कार्यक्रम को बहुत भविष्य के लिए उपयोगी बताया।
समापन सत्र के मुख्य अतिथि और नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नालाजी जमशेदपुर झारखंड के रसायन शास्त्र विभाग के अध्यक्ष डा. बलराम अंबाडे ने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में शोध कार्यो और शोध लेखन में युवाओं को काफी अहम जानकारी मिलती है। गढ़वाल विवि इंस्टीट्यूट इनोवेशन सेल के उपाध्यक्ष और प्रशिक्षण कार्यक्रम के संयोजक डा. आलोक सागर गौतम ने आठ सप्ताह में आयोजित व्याख्यानों को लेकर लघु वीडियो फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम के वरिष्ठ पर्यवेक्षक प्रो. आरएस नेगी ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से पठन पाठन और शोध कार्य में छात्रों की रुचि बढ़ने के साथ ही उनका उत्साह भी बढ़ता है। गढ़वाल केंद्रीय विवि की प्रो. बीणा जोशी कहा कि छात्रों के साथ ही युवा शिक्षकों को भी ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों में नई-नई जानकारियां मिलती हैं। जिससे वह अपडेट रहते हैं।
प्रतिभागी छात्र अक्षय और छात्रा प्रतिभा, हिमानी भाटिया आदि का कहना था कि शोध पत्र लेखन के साथ ही शोध पत्र को स्कोपस जर्नल में प्रकाशित करने, साहित्यिक चोरी से बचने, शोध प्रस्ताव को लिखने आदि टिप्स उन्हें प्रशिक्षण कार्यक्रम में मिले हैं। हिमानी भाटिया ने कहा कि यह कार्यक्रम मेरे लिए करियर स्थापित करने और शोध के क्षेत्र में काम करने में बहुत ही मददगार रहा है। समापन सत्र में प्रतिभागी तीरथ राज ने बंगाली गायन, हिमानी भाटिया, डा. एसके चतुर्वेदी ने गीत, डा. आलोक सागर गौतम ने कविता प्रस्तुत की।
इस दौरान गढ़वाल केंद्रीय विवि की कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल, गढ़वाल विवि आइआइसी के अध्यक्ष प्रो. अतुल ध्यानी, डा. आलोक सागर गौतम, समन्वयक डा. सुधीर कुमार चतुर्वेदी, डा. आलोक सागर गौतम आदि शामिल रहे।