मेडिकल कॉलेज प्रशासन का छूटा पसीना
बेस अस्पताल के कोरोना वार्ड में भर्ती की मौत होने के बाद प्रशासन की परेशानी बढ़ गई।
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल:
बेस अस्पताल के कोरोना वार्ड में भर्ती की मौत होने के बाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन को उस समय पसीने छूट गए जब मृतक का पुत्र और दो अन्य रिश्तेदार वहां से बिना बताए चले गए। मेडिकल कॉलेज के मेडिसन विभाग के अध्यक्ष और कोरोना नोडल अधिकारी प्रो. केएस बुटोला ने बताया कि मृतक के पुत्र ने पहले कहा था कि दाह संस्कार को लेकर क्षेत्र के 20 लोग आएंगे। जिस पर उन्होंने भी उसे सचेत किया था कि अधिक लोग नहीं आएं, लेकिन कुछ देर बाद लड़के का फोन आया कि कोई नहीं आ रहा है। काफी देर इंतजार करने के बाद सोमवार सुबह मेडिकल कालेज के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. चंद्रमोहन सिंह रावत के साथ ही तहसीलदार सुनील राज और श्रीकोट चौकी प्रभारी महेश रावत ने मोर्चा संभाला।
प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. रावत ने मृतक के पुत्र को उसके मोबाइल नम्बर पर कई बार संपर्क किया, लेकिन वह नहीं पहुंचा। जिस पर प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. चंद्रमोहन सिंह रावत और अन्य वरिष्ठ फैकल्टियों के सुझाव पर फारेंसिक विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. पुष्पेंद्र सिंह ने स्वयं पीपीई किट पहनकर अपने अन्य मेडिकल कर्मियों के साथ उन्हें भी पीपीई किट पहनाकर शव को एक छोटे वाहन से लगभग दो किमी दूर श्मशान घाट तक पहुंचाया। प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. चंद्रमोहन सिंह रावत इस बात से भी ज्यादा परेशान थे कि मृतक की अंतिम क्रिया करने को लेकर अभी तक उसका पुत्र नहीं पहुंचा जबकि शव को घाट तक पहुंचा दिया गया है। डॉ. रावत ने बताया कि कई बार उसके पुत्र को फोन कर फिर उसके आने पर उसे भी पीपीई किट पहनाकर पूर्ण सुरक्षा के साथ अंतिम संस्कार करवाया गया। शव को लाने वाले वाहन को भी पूर्ण सैनेटाइज किया गया। इस पूरी प्रक्रिया में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. चंद्रमोहन सिंह रावत स्वयं दिनभर जुटे रहे।