सभी भाषाओं की जननी है संस्कृत
संवाद सूत्र, पाटीसैण: ज्वाल्पा धाम संस्कृत विद्यालय में आयोजित पूर्व छात्र पुनर्मिलन समारोह में संस्कृ
संवाद सूत्र, पाटीसैण: ज्वाल्पा धाम संस्कृत विद्यालय में आयोजित पूर्व छात्र पुनर्मिलन समारोह में संस्कृत के व्यापक प्रचार-प्रसार को जरूरी कदम उठाने का निर्णय लिया गया। कार्यक्रम में विद्यालय के दो शिक्षकों प्रदीप थपलियाल व दिनेश लाल को भी सम्मानित किया गया।
समारोह का शुभारंभ विद्यालय के अध्यक्ष सत्यप्रकाश थपलियाल ने किया। कहा कि 1973 में प्रवासियों के प्रयास से विद्यालय की स्थापना की गई व तब से अनवरत विद्यालय का संचालन हो रहा है। कहा कि विद्यालय में अध्ययन करने वाले छात्र आज देश में सम्मानजनक पदों पर आसीन हैं। कार्यक्रम में संस्कृत शिक्षा के सहायक निदेशक डॉ. बाजश्रव आर्य ने कहा कि विद्यालय के छात्र स्वयं को अन्य छात्रों के मुकाबले अलग न समझें। कहा कि संस्कृत भाषा में पकड़ बनाकर वे समाज में मिसाल कायम कर सकते हैं।
राजीव गांधी नवोदय विद्यालय की प्रधानाचार्या वंदना भारद्वाज ने कहा कि संस्कृत भाषा विश्व की तमाम भाषाओं की जननी है। कहा कि ऋषि-मुनियों के काल से चली आ रही संस्कृत भाषा में ज्ञान-विज्ञान का भंडार भरा हुआ है। उन्होंने संस्कृत भाषा को धरोहर के रूप में संवारे जाने की जरुरत पर भी जोर दिया। इस मौके पर प्रधानाचार्य तोताराम नौटियाल, मंदिर समिति के अध्यक्ष शांति प्रसाद थपलियाल, बुद्धिबल्लभ थपलियाल, मोहन लाल बौंठियाल, दुर्गा मिश्रा, पूर्व छात्र डॉ. कुलदीप पंत, डॉ. नवीन जसोला सहित कई अन्य मौजूद रहे। संचालन रमेश थपलियाल व दिनेश लाल ने संयुक्त रूप से किया।