अब समलौण उपवन बनेगा स्वरोजगार का आधार
थैलीसैंण के बनास गांव में समलौण संस्था की ओर से पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें खुमानी, नाशपाती , पुलम, आडू और सेब के पौधे रोपे गए।
पौड़ी, [जेएनएन]: दूरस्थ विकास खंड थैलीसैण के बनास गांव में समलौण उपवन स्व-रोजगार का आधार बनेगा। इसमें ग्रामीण दरमान सिंह बड़थ्वाल की सहभागिता को हमेशा याद रखा जाएगा।
विकासखंड थैलीसैंण के बनास गांव में समलौण संस्था की ओर से पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें खुमानी, नाशपाती और पुलम के 10-10, आडू के 30 और सेब के 40 पौधे रोपे गए। इस मौके पर ग्राम प्रधान शकुंतला देवी ने बताया कि समलौण आंदोलन के प्रणेता वीरेंद्र गोदियाल, ग्रामीण मातवर सिंह की पहल पर औद्यानिकी एवं वानिकी विवि भरसार की ओर से ग्राम पंचायत को फलदार पौधे उपलब्ध कराए गए। जिन्हें ग्रामीण महिलाओं ने समलौण वन में रोपा।
उन्होंने बताया कि समलौण वन ग्राम पंचायत में स्व रोजगार को विशेष रूप से बढ़ावा देगा। इसमें ग्रामीण दरमान सिंह बड़थ्वाल के योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने बताया कि दरमान सिंह ने पंचायत को उपवन के लिए दो नाली भूमि दान दी है। इसमें समलौण उपवन तैयार किया है।
भरसार विवि के डीएसडब्ल्यू प्रो. बीपी नौटियाल ने कहा कि पर्यावरण व रोजगार की दृष्टि से समलौण वन की परिकल्पना सराहनीय पहल है। उन्होंने कहा कि गांव की समृद्धि के लिए की भूमि दान देना, उसके महत्व को अविस्मरणीय बन गया है। समलौण आंदोलन के प्रणेता वीरेंद्र गोदियाल ने बताया कि समलौण वन का संरक्षण पंचायत व समलौण सेना करेगी।
वन से भावी समय में मिलने वाले उत्पाद पर पंचायत का हक होगा। इस अवसर पर समलौण सेनानायिका रेखा देवी, बीना देवी, सुमति देवी, सरस्वती देवी आदि मौजूद थे।
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