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दो नदियों में छापा, 12 वाहन सीज, मुकदमा

वन महकमा सोता रहा और राजस्व विभाग ने अवैध खनन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की।

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 Jan 2020 05:54 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jan 2020 06:38 PM (IST)
दो नदियों में छापा, 12 वाहन सीज, मुकदमा
दो नदियों में छापा, 12 वाहन सीज, मुकदमा

जागरण संवाददाता, कोटद्वार:

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वन महकमा सोता रहा और राजस्व विभाग ने अवैध खनन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए वन विभाग के अधीन पड़ने वाली सुखरो व मालन नदी से अवैध खनन में लिप्त दो डंपरों सहित बारह वाहनों को सीज कर दिया। खनन माफिया के बुलंद हौसलों का अंदाजा महज इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने नदियों में डंपर उतारे हुए थे।

कोटद्वार क्षेत्र की मालन, खोह, सुखरो सहित अन्य नदियों में अवैध खनन कारोबार का रूप ले चुका है। प्रशासन की ओर से अवैध खनन पर रोक लगाने के दावे भले ही तमाम किए जाएं, लेकिन खनन माफिया के समक्ष प्रशासन भी बौना नजर आता है। यूं तो शासन की ओर से अवैध खनन रोकने के लिए पुलिस, राजस्व व वन विभाग की संयुक्त टीम बनाने के निर्देश जारी किए गए हैं, लेकिन क्षेत्र में आज तक तीनों विभागों ने संयुक्त रूप से अवैध खनन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। वन विभाग की माने तो यूं लगता है मानो खनन माफिया को विभाग का वरदहस्त प्राप्त हो। शायद यही कारण है कि वन क्षेत्र में खनन माफिया बड़े डंपर व जेसीबी मशीनों के जरिये अवैध खनन को अंजाम दे रहे हैं। अवैध खनन की शिकायत पर बीती रात एसडीएम योगेश मेहरा के दिशा-निर्देशन में राजस्व विभाग की अलग-अलग टीमों ने क्षेत्र की मालन व सुखरो नदियों में छापे मारे। छापे के दौरान मालन नदी से उपखनिज से भरे दो डंपर सीज किए गए, जबकि दोनों नदियों से दस ट्रैक्टर-ट्रालियों को जब्त किया गया। चोरी का मुकदमा हुआ दर्ज

प्रशासन ने बीती रात अवैध खनन के मामले में दबोचे गए वाहन स्वामियों के खिलाफ चोरी की धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाया है। यह पहला मौका है जब क्षेत्र में उपखनिज चोरी के मामले में कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है। एसडीएम योगेश मेहरा ने बताया कि बिना अनुमति नदियों से उपखनिज को उठाना सरकारी संपत्ति की चोरी है।

एमवी एक्ट में होगी कार्रवाई

बीती रात पकड़े गए वाहनों के खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट के तहत भी कार्रवाई की जाएगी। एसडीएम योगेश मेहरा ने बताया कि सभी पकड़े गए वाहनों के कागजों को परिवहन कार्यालय भेजा जा रहा है, जहां कागजों की जांच की जाएगी। बताया कि क्षेत्र में कई ट्रैक्टर-ट्राली संचालकों ने अपनी ट्रालियों में परिवहन विभाग की अनुमति के बिना हाईड्रोलिक सिस्टम लगाया है, जो कि गैरकानूनी है।


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