देवस्थानम बोर्ड के खिलाफ श्रीनगर में उमड़ा तीर्थ पुरोहितों का जनसैलाब
देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड (श्राइन बोर्ड) के खिलाफ श्रीनगर में तीर्थ पुरोहितों और हक हकूकधारियों का जनसैलाब सड़क पर उमड़ पड़ा।
श्रीनगर गढ़वाल, जेएनएन। देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड (श्राइन बोर्ड) के खिलाफ श्रीनगर में तीर्थ पुरोहितों और हक हकूकधारियों का जनसैलाब सड़क पर उमड़ पड़ा। तीर्थ पुरोहितों और पंडितों ने श्राइन बोर्ड के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए आक्रोश का इजहार किया।
श्री बदरीनाथ धाम, श्री केदारनाथ धाम, गंगोत्री और श्री यमनोत्री धाम के अलावा श्रीनगर से जुड़े तीर्थपुरोहितों के साथ ही बड़ी संख्या में हक हकूकधारी भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल थे। तीर्थ पुरोहितों ने चेतावनी दी कि यदि यह कानून वापस न हुआ तो वह न्यायालय की शरण लेने को मजबूर होंगे। उन्होंने राज्यपाल से भी इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की।
चारधाम हक हकूकधारी महापंचायत के अध्यक्ष पंडित कृष्णकांत कोटियाल की अध्यक्षता में यहां रामलीला मैदान में हुई सभा में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि श्राइन बोर्ड के विरोध में शुरू हुई जन चिंगारी अब ज्वाला बन चुकी है। यह मुद्दा दलगत राजनीति का विषय नहीं है। इस संघर्ष में कांग्रेस पूरी तरह जनता के साथ है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि 2022 के चुनाव में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर इस काले कानून को निरस्त कर दिया जाएगा। श्राइन बोर्ड बिल लाकर सरकार ने पूरे पहाड़ को आक्रोशित कर दिया है। जनता को इस मामले में अपने क्षेत्र के भाजपा विधायकों से भी पूछना चाहिए।
चारधाम विकास परिषद के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व विधायक अनुसूया प्रसाद मैखुरी ने कहा कि इस मामले में वह जनता के साथ हैं। वर्ष 2004 में चारधाम विकास परिषद के गठन का जिक्र करते हुए मैखुरी ने कहा कि उसमें भी वैष्णों देवी श्राइन बोर्ड और बालाजी तिरुपति बोर्ड की तर्ज पर कार्य करने का सुझाव था। तीर्थ पुरोहितों और जनता की भावना को समझते हुए तत्कालीन तिवारी सरकार ने उसे निरस्त कर दिया था।
श्रीनगर नगरपालिका अध्यक्ष पूनम तिवाड़ी ने कहा कि श्राइन बोर्ड का पुरजोर विरोध करेंगे। कहा कि बड़े बुजुर्ग सड़कों पर हैं सरकार सोई है। केदारनाथ के विधायक मनोज रावत ने कहा कि जंगल के कानून लाकर पहाडिय़ों को पहले जंगलों से दूर किया और अब श्राइन बोर्ड के जरिये धार्मिक स्थलों से भी दूर किया जा रहा है।
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सभा में इंद्रेश मैखुरी, सुधाकर बाबुलकर, रुद्रप्रयाग जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष गंगाधर नौटियाल, ऊखीमठ की रीता पुष्पवाण, केदारसभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला, कालीमठ की संगीता नेगी, पंकज डिमरी, सुमंत तिवारी, लक्ष्मी प्रसाद जुगरान, हरीश डिमरी, आशुतोष डिमरी, कृष्णानंद मैठाणी आदि मौजूद थे।
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