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छात्रावास में चयनित खिलाड़ियों को बैडमिंटन सिखाने को नहीं है कोच

राज्य भर के विभिन्न जनपदों से दस छात्र ट्रायल में सफल होकर आवासीय बैडमिंटन छात्रावास के लिए चयनित हुए हैं। विडबंना यह है कि इन छात्रों को प्रशिक्षण के लिए कोच ही नहीं है।

By Edited By: Published: Tue, 02 Jul 2019 10:47 PM (IST)Updated: Wed, 03 Jul 2019 11:23 AM (IST)
छात्रावास में चयनित खिलाड़ियों को बैडमिंटन सिखाने को नहीं है कोच
छात्रावास में चयनित खिलाड़ियों को बैडमिंटन सिखाने को नहीं है कोच

पौड़ी, गुरुवेंद्र नेगी। मंडल मुख्यालय पौड़ी स्थित जिला खेल कार्यालय इन दिनों पशोपेश की स्थिति में है। दरअसल, राज्य भर के विभिन्न जनपदों से दस बच्चे ट्रायल में सफल होकर आवासीय बैडमिंटन छात्रावास के लिए चयनित हुए हैं। चयनित बच्चों को प्रवेश के बाद बैडमिंटन की सीख दी जानी है, लेकिन विडंबना देखिए यहां बच्चों को बैडमिंटन की सीख देने के लिए कोच ही नहीं है। फिलवक्त परेशान विभाग अब निदेशालय से कोच की गुहार लगाता फिर रहा है।

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बीते जनवरी माह में पौड़ी जिला खेल कार्यालय में तैनात उप क्रीड़ा अधिकारी को महाराणा प्रताप स्पो‌र्ट्स कॉलेज देहरादून में संबद्ध कर दिया था, जो कि बैडमिंटन कोच भी हैं। तब से पौड़ी में बैडमिंटन कोच नहीं है। अब जनपद स्तर पर हुए ट्रायल के बाद रुद्रपुर में बैडमिंटन के लिए राज्य स्तरीय ट्रायल का आयोजन किया गया। 

इसमें राज्य के विभिन्न जनपदों से दस बच्चों का चयन पौड़ी खेल विभाग स्थित आवासीय बैडमिंटन बालक छात्रावास के लिए हुआ। सफल बच्चों की सूची भी खेल निदेशालय की ओर से खेल विभाग को मुहैया करा दी गई है। खेल विभाग की स्थिति यह है कि वह ट्रायल में सफल हुए बच्चों को प्रवेश देने को लेकर असमंजस की स्थिति में है। 

विभाग की चिंता यह है कि कहीं प्रवेश लेने आने वाले बच्चे बिना बैडमिंटन कोच के वापस न लौट जाएं। खास बात यह है कि खेलों के प्रति यह उदासीन रवैया तब देखने को मिल रहा है, जब हर मंच पर पहाड़ी क्षेत्रों में विभिन्न खेलों को बढ़ावा देने के लिए खूब दावे हो रहे हैं। 

जनपद वार चयनित खिलाड़ी  

उधमसिंह नगर- दो 

पिथौरागढ़- एक 

पौड़ी- दो 

अल्मोड़ा- एक 

बागेश्वर- एक 

उत्तरकाशी- तीन 

सिंथेटिक कोर्ट से लैस है इंडोर स्टेडियम  

खेल विभाग के अधीन संचालित इंडोर स्टेडियम सिंथेटिक कोर्ट से लैस है। यहां बैडमिंटन के प्रशिक्षण के लिए चार कोर्ट बनाए गए हैं। कंडोलिया स्थित इंडोर स्टेडियम में रोजाना शाम को काफी संख्या में अधिकारी, कर्मचारी व स्थानीय भी बैडमिंटन खेलने आते हैं। अब समस्या उन बच्चों की है, जिनका चयन बैडमिंटन के प्रशिक्षण के लिए हुआ है। अभी कोच देहरादून संबद्ध है। 

जिला प्रशासन ने भी भेजा था निदेशालय को पत्र 

जिला खेल कार्यालय में तैनात उप क्रीड़ा अधिकारी को निदेशालय की ओर से महाराणा प्रताप स्पो‌र्ट्स कॉलेज देहरादून संबद्ध किए जाने पर खेल प्रेमियों ने नाराजगी भी जताई थी। जिला प्रशासन को कोच को वापस बुलाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा था। तब प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए निदेशालय को पत्र भी भेजा, लेकिन कुछ नहीं हुआ। 

देहरादून जाकर की जाएगी वार्ता 

प्रभारी जिला क्रीड़ा अधिकारी जानकी कार्की के अनुसार, राज्य के विभिन्न जनपदों से आवासीय बैडमिंटन बालक छात्रावास के लिए दस बच्चों का चयन हुआ है। उसकी सूची भी प्राप्त हो गई। खेल निदेशालय को पत्र भेजा गया है जो कि उप क्रीड़ा अधिकारी को खिलाड़ियों के प्रवेश लेने से पूर्व जिला खेल कार्यालय पौड़ी के लिए कार्यमुक्त करने से संदर्भित है। इस संबंध में मैं देहरादून जाकर वार्ता भी करुंगी। 

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