वादे बहु तेरे, कार्य धैला भी नहीं
जागरण संवाददाता पौड़ी पर्यटन नगरी पौड़ी में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वादे बहुत हुए।
जागरण संवाददाता, पौड़ी: पर्यटन नगरी पौड़ी में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वादे बहुत हुए। इस सब के बीच कुछ कार्य भी हुए तो कुछ महज घोषणाओं से आगे नहीं बढ़ पाए। उन्हीं में से एक घोषणा है रोप-वे की। पहले कांग्रेस और फिर भाजपा सरकार ने पौड़ी से कंडोलिया तक मिनी रोप-वे की सौगात देने की घोषणा की। लेकिन चितनीय यह है कि पर्यटन व्यवसाय को बढ़ाने की यह मुहिम आज तक धरातल पर नहीं उतर पाई। ऐसे में शहर में कैसे पर्यटन व्यवसाय को पंख लगेंगे कहा नहीं जा सकता।
पर्यटन नगरी पौड़ी को प्रकृति ने जितना संवारा, तंत्र की नाफरमानी ने मानो उतना ही दुत्कारा। कंडोलिया और क्यूंकालेश्वर तक प्रकृति का नजारा किसी से छिपा नहीं है। चारों ओर हरे पेड़ यहां की खूबसूरती को चार चांद लगाते नजर आते हैं। लेकिन प्रकृति के इस नूर से पर्यटन व्यवसाय भी जुड़े, ऐसा कुछ दिखता नहीं। हश्र यह हुआ कि अथाह प्रकृति से सजे इस शहर का व्यवसाय पर्यटन व्यवसाय की शक्ल में तब्दील नहीं हो पाया। हालांकि इन दिनों कंडोलिया पार्क को संवारने की दिशा में कार्य हो रहा है, लेकिन एक बड़ी घोषणा, जो पहले कांग्रेस सरकार ने और बाद में भाजपा सरकार ने की थी, वह आज तक परवान नहीं चढ़ पाई। दोनों ही सरकारों ने शहर में पर्यटन को बढ़ावा देने को लेकर मिनी रोप-वे की घोषणा की। पौड़ी से कंडोलिया-क्यूंकालेश्वर क्षेत्र तक इसे लगाए जाने की घोषणा की गई। मंशा भी अच्छी थी कि इससे जहां पर्यटकों की आमद बढ़ेगी, वहीं दूसरी और स्थानीय व्यवसायियों का भी रोजगार बढ़ेगा। लेकिन मिनी रोप-वे लगाने की दिशा में अभी तक धरातल पर कुछ होमवर्क हुआ हो, दिखता नहीं। स्थानीय लोग भी अभी तक मिनी रोप-वे न लगाए जाने से खासे नाराज हैं। इधर संपर्क करने पर जिला पर्यटन अधिकारी अतुल भंडारी ने बताया कि पौड़ी से कंडोलिया-क्यूंकालेश्वर तक मिनी रोप-वे लगाने को लेकर टीम आई थी। टीम ने रूट का सर्वे कर लिया है। आगे जो दिशा-निर्देश मिलेंगे, उस पर कार्य किया जाएगा।