Move to Jagran APP

92 प्रतिशत तक रिकवर हो चुकी है ओजोन परत

जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: अंतर्राष्ट्रीय ओजोन दिवस पर ओजोन परत संरक्षण को लेकर गढ़

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Sep 2018 06:59 PM (IST)Updated: Sun, 16 Sep 2018 09:51 PM (IST)
92 प्रतिशत तक रिकवर हो चुकी है ओजोन परत
92 प्रतिशत तक रिकवर हो चुकी है ओजोन परत

जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: अंतर्राष्ट्रीय ओजोन दिवस पर ओजोन परत संरक्षण को लेकर गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभाग की ओर से रविवार को कार्यशाला का आयोजन किया गया। कीप कूल एंड कैरी ऑन : मांट्रियल प्रोटोकॉल विषय पर वक्ताओं ने ओजोन परत के महत्व के बारे में विस्तार से बताया।

loksabha election banner

गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति प्रो. एससी बागड़ी ने दीप जलाकर कार्यशाला का शुभारंभ कराया। पर्यावरणविद् और गढ़वाल केंद्रीय विवि पर्यावरण विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. आरसी शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों से ओजोन परत अब तक 92 प्रतिशत रिकवर भी हो चुकी है। सितंबर 2018 की सेटेलाइट इमेज के जरिये ओजोन परत की रिकवरी पर भी उन्होंने प्रकाश डाला। विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति प्रो. एससी बागड़ी ने कहा कि ओजोन परत के क्षरण के कुप्रभावों को लेकर आम जनता तक जानकारी भी पहुंचानी चाहिए। कहा कि ओजोन परत के क्षरण से त्वचा का कैंसर, मोतिया ¨बद जैसी बीमारिया हो सकती है। प्रो. बागड़ी ने कहा कि इस मुद्दे पर विश्वविद्यालय के छात्रों और युवाओं की बहुत प्रभावी भूमिका भी है।

प्रो. शर्मा ने कहा कि अल्ट्रा वायलेट रेडिएशन बी से बचने को तेज धूप में आंखों पर धूप का चश्मा और सिर पर टोपी, पगड़ी तथा पूरी बांह वाली कमीज पहनकर बाहर निकलें। कहा कि कि इन विकिरणों की चपेट में आने से आंखें, त्वचा और शरीर के अन्य अंग प्रभावित हो सकते हैं। ओजोन परत के क्षरण से फसलों की उत्पादकता कम होने और मृदा में भी नमी की कमी आ जाने के बारे में बताते हुए प्रो. शर्मा ने कहा कि इन कारणों से वैश्विक ताप वृद्धि पर भी सीधा प्रभाव पड़ता है। विभाग के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. राजकमल ने आभार व्यक्त किया। सहायक प्रोफेसर सुषमा ¨सह ने कार्यशाला का संचालन किया। गढ़वाल केंद्रीय विवि के आइक्यूएसी प्रकोष्ठ के निदेशक प्रो. ओपी गुसाई, डॉ. दीपक भंडारी और पर्यावरण विज्ञान विभाग के शोध छात्र-छात्राओं के साथ ही एमएससी पर्यावरण विज्ञान के छात्रों ने भी कार्यक्रम आयोजन में विशेष सहयोग दिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.