मानदेय न देने और काम से हटाने का लगाया आरोप
जिला महिला एवं बाल विकास विभाग में अनुबंध के आधार पर सेवारत रहे कार्मिकों को बीते चार माह से मानदेय नहीं मिला है।
संवाद सहयोगी, पौड़ी: जिला महिला एवं बाल विकास विभाग में अनुबंध के आधार पर सेवारत रहे कार्मिकों को बीते चार माह से मानदेय नहीं मिला है। जबकि, निदेशालय स्तर पर अनुबंध खत्म होने के बाद इन कार्मिकों को हटा भी दिया गया है। कार्मिकों का आरोप है कि केंद्र व राज्य सरकार के आदेश के बावजूद उनके मानदेय से जीएसटी व सर्विस टैक्स काटा जा रहा है।
जिला महिला एवं बाल विकास विभाग पौड़ी में जिला समन्वयक, सहायक जिला समन्वयक के साथ ही 15 विकास खंडों में ब्लॉक स्तर पर परियोजना सहायक व ब्लॉक समन्वयक के रूप में 32 कार्मिक कार्यरत थे। विभाग ने इन कार्मिकों को 19 सितंबर के बाद अनुबंधित कंपनी से अनुबंध समाप्त होने के बाद हटा दिया है। कार्मिक दीपक रावत, मोहन रावत, सुरेंद्र सिंह बिष्ट व हिमानी कंडारी सहित अन्य कार्मिकों ने कहा कि मई, जून, जुलाई व अगस्त माह का मानदेय नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि पहले तो मानदेय नहीं दिया जा रहा है, जो मानदेय मिल रहा है। वह 18 प्रतिशत जीएसटी और 8.12 प्रतिशत सर्विस टैक्स काटकर दिया जा रहा है। जबकि राज्य व केंद्र सरकार के निर्देश पर अनुबंध में साफतौर पर लिखा गया है कि मानदेय से जीएसटी नहीं काटी जाएगी। कहा कि मानदेय नहीं दिए जाने की शिकायत निदेशक, सचिव, सीएम पोर्टल व विभागीय मंत्री से की गई, लेकिन अभी तक कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला है। वहीं प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि अनुबंध के आधार पर सेवारत रहे 32 कार्मिकों का मानदेय कंपनी को दे दिया गया है। कार्मिकों को भी जल्द ही प्रदान हो जाएगा।