नहीं टूटा सन्नाटा, प्रत्याशी बेचैन
जागरण संवाददाता, कोटद्वार: उम्मीद थी कि मतदान के बाद मतदाता अपनी चुप्पी तोड़ देगा, लेकिन ऐसा न हुआ। च
जागरण संवाददाता, कोटद्वार: उम्मीद थी कि मतदान के बाद मतदाता अपनी चुप्पी तोड़ देगा, लेकिन ऐसा न हुआ। चुनाव प्रचार के दौरान पूरी तरह मौन रहे मतदाता ने मतदान के बाद भी अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी। पूछने का प्रयास किया गया तो जवाब मिला कि दो दिन बाद खुद देख लेना। मतदाता की इस चुप्पी ने चुनावी दंगल में उतरे प्रत्याशियों के माथे पर शिकन ला दी है।
एक और कोटद्वार क्षेत्र में कांग्रेस के मुख्य स्तंभ सुरेंद्र ¨सह नेगी और दूसरी ओर प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक ¨सह रावत और लैंसडौन के विधायक दलीप रावत। नवगठित कोटद्वार नगर निगम की सीट पर एक बार फिर सभी की नजरें टिकी रही। इधर, मतदाताओं की चुप्पी ने मतदान के अंतिम चरण तक प्रत्याशियों को गफलत में डाले रहा। इस सीट पर मुख्य मुकाबले में भाजपा व कांग्रेस के साथ ही भाजपा के बागी धीरेंद्र ¨सह चौहान की पत्नी विभा चौहान हैं। भाजपा ने जहां मैदान में विधायक दलीप रावत की पत्नी नीतू रावत को मैदान में उतारा, वहीं कांग्रेस ने पुराने दिग्गज सुरेंद्र ¨सह नेगी पर ही पूरा भरोसा जताते हुए उनकी पत्नी हेमलता को चुनावी रण में उतारा है। दिलचस्प बात यह है कि शुरूआती दौर से ही इस सीट पर त्रिकोणीय संघर्ष के आसार थे, जो कि मतदान दिवस तक भी बरकरार रहा। नतीजा, मुकाबला काफी कड़ा हो गया। इधर, मतदाता की चुप्पी का अर्थ तमाम प्रत्याशी अपने-अपने पक्ष में मानकर जीत का दावा कर रहे हैं।