Move to Jagran APP

वर्षों पूर्व शुरू हो चुकी थी कोटद्वार से कार्बेट की सैर

27 नवंबर से कोटद्वार क्षेत्र से कॉर्बेट टाइगर रिजर्व पार्क के दो द्वार खोलने के दावे कर रही हो, पर हकीकत में इन दोनों द्वार से तो वर्षों पहले पर्यटकों की आवाजाही शुरू हो चुकी थी।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sun, 17 Dec 2017 01:43 PM (IST)Updated: Sun, 17 Dec 2017 08:51 PM (IST)
वर्षों पूर्व शुरू हो चुकी थी कोटद्वार से कार्बेट की सैर
वर्षों पूर्व शुरू हो चुकी थी कोटद्वार से कार्बेट की सैर

कोटद्वार(पौड़ी गढ़वाल), [अजय खंतवाल]: सरकार भले ही पहली बार बीते 27 नवंबर से कोटद्वार क्षेत्र से कॉर्बेट टाइगर रिजर्व पार्क के दो द्वार खोलने के दावे कर रही हो, लेकिन हकीकत में इन दोनों द्वार से तो वर्षों पहले पर्यटकों की आवाजाही शुरू हो चुकी थी। इसका प्रमाण हैं कालागढ़ टाइगर रिजर्व फॉरेस्ट की फाइलों में दर्ज आंकड़े। इन आंकड़ों के मुताबिक कोटद्वार क्षेत्र से प्रतिवर्ष हजारों की तादाद में पर्यटक कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में प्रवेश करते हैं। चालू वित्तीय वर्ष में ही अब तक दस हजार से अधिक पर्यटक कोटद्वार क्षेत्र से टाइगर रिजर्व में प्रवेश कर चुके हैं। 

loksabha election banner

कोटद्वार क्षेत्र कॉर्बेट नेशनल पार्क के प्रवेश द्वार खोले जाने की मांग वर्षों पुरानी है। राजनीतिक दल भी इसे अपने-अपने हिसाब से भुनाते रहे हैं। इसी क्रम में बीते 27 नवंबर को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत कोटद्वार पहुंचकर कॉर्बेट के लिए दो द्वार खोले जाने का विधिवत एलान भी कर चुके हैं। 

लेकिन, सवाल यह है कि कोटद्वार क्षेत्र से आखिर पार्क में प्रवेश पर पाबंदी कब थी। पर्यटक तो वर्षों से कोटद्वार के रास्ते कॉर्बेट में प्रवेश करते आ रहे हैं। प्रभागीय वनाधिकारी कालागढ़ टाइगर रिजर्व फॉरेस्ट अंजनी कुमार बताते हैं कि कोटद्वार क्षेत्र से पर्यटकों की आवाजाही साल-दर-साल बढ़ रही है। अब इसे प्रचार मिलने पर पर्यटकों की संख्या में और इजाफा होना तय है।

बता दें कि 1318.54 वर्ग किमी क्षेत्र में फैले कॉर्बेट नेशनल पार्क का 521 वर्ग किमी हिस्सा कोर जोन में पड़ता है, जबकि 797.72 वर्ग किमी हिस्सा बफर जोन में। पर्यटकों को विशेष रूप से आकर्षित करने वाले कोर जोन का 312.86 वर्ग किमी हिस्सा पौड़ी जिले में है, जबकि 208.14 वर्ग किमी भाग नैनीताल जिले में। बफर जोन के 301.18 वर्ग किमी हिस्से में सोनानदी वन्य जीव विहार है, जबकि 496.54 वर्ग किमी हिस्सा आरक्षित वनों से घिरा है। 

साल-दर-साल बढ़ी पर्यटकों की आमद

वर्ष 2005 से पूर्व भले ही कोटद्वार क्षेत्र से कॉर्बेट में पर्यटकों की आवाजाही काफी कम रही हो, लेकिन 2005 के बाद इसमें भारी इजाफा हुआ। वर्ष 2005-06 में जहां 3385 पर्यटकों ने कोटद्वार के रास्ते कॉर्बेट में प्रवेश किया था, वहीं वर्तमान में यह संख्या 24 हजार तक पहुंच गई है। 

कोटद्वार व लैंसडौन में बुकिंग

पार्क के गढ़वाल क्षेत्र में पडऩे वाले हिस्से में कालागढ़ टाइगर रिजर्व फॉरेस्ट के कोटद्वार स्थित स्वागत कक्ष व लैंसडौन स्थित मुख्यालय से बुकिंग होती है। कोटद्वार क्षेत्र से कॉर्बेट में प्रवेश करने वाले पर्यटक हल्दूपड़ाव, कांडा, मुंडियापानी, लोहाचौड़, मोरघट्टी व पाखरो विश्राम गृह में ठहरते हैं। 

नहीं खुल पाए दोनों द्वार

बीते 27 नवंबर को कोटद्वार में आयोजित एक समारोह में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के जिन दो प्रवेश द्वारों को खोलने की घोषणा करते हुए जिप्सियों के जत्थे को झंडी दिखाई थी, वह आज तक नहीं खुल पाए। वन सूत्रों की मानें तो एनटीसीए (राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण) की अनुमति के बिना इन द्वारों को नहीं खोला जा सकता। नतीजा, वन महकमा उन्हीं रूट पर पर्यटकों को डे-विजिट करवा रहा है, जो पूर्व से ही खुले हुए हैं। 

कोटद्वार से कॉर्बेट में प्रवेश करने वाले पर्यटक

वर्ष--------------भारतीय----------विदेशी

2017-18-----10860----------120 (अब तक)

2016-17-----24163----------375

2015-16-----22677----------315

2014-15-----17204----------233

यह भी पढ़ें: अब लैंसडौन वन प्रभाग में भी कीजिए बाघों का दीदार

यह भी पढ़ें: कॉर्बेट पार्क में नाइट स्टे के लिए ऑनलाइन बुकिंग शुरू


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.